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आठवीं की छात्रा ने पेश की मिसाल, गुल्लक तोड़कर श्रमिक परिवार को Flight से भेजा घर
नोएडा। कोरोना संकट में ऐसे कई लोग हैं जो घर से बाहर फंसे हैं लेकिन कोई ना कोई मसीहा बन कर उनकी मदद कर रहा है। दिल्ली (Delhi) के शेल्टर होम में फंसे कैंसर पीड़ित प्यारी कोल (55) ने भी कभी सोचा भी नहीं था कि नोएडा की एक बच्ची निहारिका की मदद से वह अपनी पत्नी व बेटी के साथ हवाई जहाज से अपने घर झारखंड (Jharkhand) पहुंच जाएंगे। आठवीं की छात्रा निहारिका ने अपनी गुल्लक तोड़कर तीनों को फ्लाइट (Flight) से रांची भिजवाया। छात्रा उस श्रमिक परिवार से कभी मिली भी नहीं थी। कैंसर पीड़ित प्यारी कोल (55) पत्नी सुशीला देवी व बेटी काजल के साथ नोएडा में रहकर परिवार का पालन पोषण करते थे। साथ ही अपना इलाज कराते थे। लॉकडाउन में काम बंद होने से तीनों बेरोजगार हुए और घर वापस जाने की योजना बनाई। किसी तरह दिल्ली पहुंच तो गए लेकिन आगे का कोई साधन नहीं मिल पाया। फिर एक शेल्टर होम में दिन गुजार रहे थे।
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तीन साल से जमा किए थे 48 हजार 530 रुपये
नोएडा के सेक्टर-50 निवासी पाथ-वे स्कूल में पढ़ने वाली निहारिका द्विवेदी ने बताया कि लॉकडाउन (Lockdown) लागू होने के बाद रोते बिलखते श्रमिक परिवारों की खबरें देखकर वह मन ही मन परेशान हो रही थीं। वह क्या कुछ कर सकती हैं बस यही सोचती थीं। तीन दिन पहले दिल्ली में रहने वाले एक रिश्तेदार ने निहारिका की मम्मी सुरभि द्विवेदी को फोन पर बताया कि यूसुफ सराय के सरकारी स्कूल में बने शेल्टर होम में नोएडा से आया श्रमिक परिवार रुका हुआ है। पति को कैंसर है, इस वजह से उसकी पत्नी और बेटी भी परेशान हैं। वे लोग किसी भी तरह घर जाना चाह रहे हैं। निहारिका ने यह बात सुनी और मम्मी से मदद करने की मंजूरी मांगी। इसके बाद पिछले तीन साल से जमा की अपनी तीन गुल्लक तोड़कर 48 हजार 530 रुपये निकाल लिए। फिर रिश्तेदार से उस परिवार की जानकारी और मोबाइल नंबर लिया। यह बात जब निहारिका के पापा गौरव द्विवेदी को पता चली तो उन्होंने भी बेटी के इस जज्बे को सपोर्ट किया। निहारिका ने तीनों के लिए रांची तक का फ्लाइट का टिकट करवाया। उनके पिता ने कैब बुक कर परिवार को शेल्टर होम से एयरपोर्ट तक पहुंचाया। दिल्ली से रांची के लिए इस फ्लाइट ने उड़ान भरी।