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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा तनाव (Border Dispute) को कम करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच वार्ताओं का दौर जारी है। इसी क्रम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच कॉर्प्स कमांडर स्तर की आठवीं वार्ता शुरू हो गई है। कोर कमांडर स्तर की ये बैठक चुशूल में चल रही है। इस बीच भारत ने ये साफ कर दिया है कि संप्रभुता और अखंडता से कोई समझौता मंजूर नहीं होगा। भारतीय टीम की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं।
वार्ता के बीच देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने पड़ोसी देश चीन को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंन कहा कि हमें एलएसी पर किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं है। जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर स्थिति तनावपूर्ण है। चीन की पीएलए ने लद्दाख में दुस्साहस किया, जिसकी वजह से अप्रत्याशित परिणाम का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि भारतीय सेना ने दृढ़ प्रतिक्रिया दी।
गौर हो कि भारत-चीन सीमा विवाद की वजह से लद्दाख की ऊंची चोटियों पर सेना के जवानों की तैनाती अब भी बनी हुई है। इस तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के कोर कमांडरों (Core commanders) के बीच संवाद का सिलसिला जारी है। आज चुशूल में कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत हो रही है। बैठक में सीमा विवाद के समाधान पर चर्चा होनी है। चीन ने कुछ इलाकों से हथियार और टैंक वापस लेने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि सभी विवादित इलाकों से चीनी सेना की पूरी तरह वापसी चाहता है। भारत ने फिर दोहराया है कि भारत शांति प्रिय देश है लेकिन ये अपनी संप्रभुता और अखंडता के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार है।
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