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थुनाग। ग्राम पंचायत थुनाग के गांव कथयार का एक बुजुर्ग शुक्रवार को पैरा लीगल वालंटियर (Para legal volunteer) थुनाग लीलाराम के कार्यालय पहुंचा और अपनी आपबीती सुनाई। 63 वर्षीय भेनसरू नाम के इस बुजुर्ग ने बताया कि वह स्वंय दृष्टिहीन है तथा उनकी बीवी भी अपंग जैसी है। वाबजूद इसके उन्हें आज तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। बुजुर्ग ने बताया कि वह गरीब व अनुसूचित जाति परिवार से संबंध रखता है। स्वंय दृष्टिहीन और पत्नी अपंग होने के कारण वह मनरेगा में भी कार्य नहीं कर सकते हैं। बुजुर्ग ने बताया कि पंचायत की ओर से उन्हें कोई भी सरकारी योजना नहीं दी गई है, उनके घर का रास्ता भी आज तक नहीं बना है।
यहां तक कि बीपीएल (BPL) परिवार की श्रेणी में भी उन्हें नहीं रखा गया है सिर्फ राशन सस्ता मिलता है। बुजुर्ग ने नम आंखों से बताया कि उन्हें अब दो वक्त की रोटी का गुजारा करने के लिए भी मुशिकलों का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्ग के अनुसार उन्होंने मकान बनाने के लिए तहसील वेलफेयर कार्यालय थुनाग में 13 मार्च 2018 को आवेदन किया था जिसका डिस्पैच नंबर 241 है लेकिन उन्हें इस बारे में आजतक कोई जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि सीएम सैल थुनाग के कार्यालय से भी उन्होंने अपनी समस्या बारे विभिन्न प्रकार के शिकायत पत्र भेजे, लेकिन वहां से भी कोई राहत नहीं मिली है। बुजुर्ग ने लीलाराम से उनकी मुशिकलों को जल्द हल करने की गुहार लगाई है।
वहीं, खंड विकास अधिकारी (BDO) जंजैहली सराज जगदीप कंवर ने बताया कि खंड से सिर्फ उन्हीं परिवारों को मकान वितरित किए जाते हैं, जिनका नाम बीपीएल सूची में शामिल हो। उन्होंने बताया कि बीपीएल में अनुमोदित करने हेतु ग्रामसभा को ही पूर्ण अधिकार दिया गया है। उन्होंने बताया कि सराज खंड से 833 लोगों की एक ऐसी सूची गई है, जिनके नाम बीपीएल सूची में नहीं आए हैं।
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