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election commission: शिमला। नगर निगम चुनाव टलने के तिलमिलाई बीजेपी ने प्रदेश सरकार और राज्य चुनाव आयुक्त पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी नेताओं का आरोप है सरकार नगर निगम का चुनाव करवाने में भी पूरी तरह असफल है और ऐसे में इस सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। उसने राज्य चुनाव आयुक्त पी मित्रा पर संविधान के तहत कार्य न करने का भी आरोप लगाया और मांग की उन्हें इस पद से तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।
बीजेपी विधायक दल के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि राज्य चुनाव आयुक्त पी मित्रा संविधान के खिलाफ कार्य किया है और कांग्रेस सरकार के दबाव में आकर नगर निगम चुनाव को टाल दिया। उन्होंने कहा कि जब बीजेपी ने वोटर लिस्टों में गड़बड़ी बात राज्य चुनाव आयुक्त को बताई थी तो वे कह रहे थे कि ऐसा कुछ नहीं और उनकी बात मानने को तैयार नहीं थी। लेकिन सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब जाकर वे कह रहे हैं कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं और इसे ठीक करना है।
भारद्वाज ने कहा कि नगर निगम एक्ट और स्थानीय निकायों में स्पष्ट है कि इनके चुनाव टाले नहीं जा सकते। इनकी टर्म फिक्स है और उसके मुताबिक राज्य निर्वाचन आयुक्त को चुनाव की तैयारी करनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त सरकार के दबाव में कार्य कर रहे हैं और सीएम के कहने पर वे उनके कार्यालय में जाते हैं और उसके बाद ताजा आदेश आता है कि मतदाता सूचियां ठीक नहीं हैं और इसके लिए और समय दिया जा रहा है। इसे देखते हुए सरकार को पी मित्रा को राज्य चुनाव आयुक्त के पद से तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए।
बीजेपी नेता ने सीएम वीरभद्र सिंह पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह सरकार एक नगर निगम का चुनाव करवाने में पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि सीएम के इशारे पर चुनाव को टाला गया हैएक्योंकि वे नहीं चाहते कि चुनाव हो। उनका कहना था कि कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है और इसे देखते हुए यहां की सरकार को ही बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की शिमला में हुई विशाल जनसभा से डरकर कांग्रेस सरकार ने यह चुनाव टाला है। उन्होंने कहा कि पीएम की रैली में जुटी अप्रत्याशित भीड़ से यह सरकार डर गई थी।
भारद्वाज ने कहा कि नगर निगम का न तो कार्यकाल बढ़ सकता है और न ही इसमें कोई छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यहां पर प्रशासक की भी तैनाती नहीं की जा सकती क्योंकि यदि ऐसा करना है तो उसके लिए भी कारण होना चाहिए। चुनाव की आड़ में यहां पर प्रशासक को नहीं बिठाया जा सकता। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मामले को जनता के बीच ले जाएगी और इसके खिलाफ आंदोलन करेगी। इसके साथ-साथ वह विधानसभा के विशेष सत्र में भी यह मामला उठाएंगे। यही नहीं, इस मामले को लेकर बीजेपी राज्यपाल से भी मिलेगी और इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
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