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हिमाचल में ये चुनावी साल है। ऐसे में राजनीति की ब्यार इस पहाड़ी राज्य में बहने लगी है। हिमाचल में क्षेत्रीय भावनाओं का उभार राजनीतिक हित के लिए किया जाने लगा है। विकास के वादे और दावे करने वाले नेता अब क्षेत्रवाद की बात करने लगे हैं और खुद को एक क्षेत्र विशेष का बताकर जनता की तालियां लूट रहे हैं। सबसे पहले बात प्रदेश के मुखिया से शुरु करते हैं। सीएम जयराम ठाकुर ने शिमला के सुन्नी में एक जनसभा में खुद को ठेठ सिराजी बताया. अपने करीब आधे घंटे के संबोधन में उन्होंने कई बार सिराज और सिराजी के बारे में बात की. लेकिन ये तो सिर्फ शुरुआत थी क्योंकि इसके बाद कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने भी खुद को एक क्षेत्र विशेष से जोड़ दिया. कहीं ऐसा ना हो कि चुनावी साल में जयराम ठाकुर बनाम विक्रमादित्य सिंह की इस जंग ने हिमाचल की सियासत में क्षेत्रवाद का नया मोड़ ना ला दे.
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