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Electricity : लोकिन्दर बेक्टा/शिमला। राजधानी शिमला में घरों, होटलों और कार्यालयों से एकत्र हो रहे कूड़े से बिजली बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कूड़े से बिजली बनाने का ट्रायल भी पूरा हो गया है। अब एनजीटी के कुछ निर्देशों को पूरा किया जा रहा है और इसके पूरा होते ही यहां कूड़े से बिजली नियमित रूप से बननी शुरू हो जाएगी। उपनगर टुटू के समीप भरयाल में ठोस कूड़ा संयंत्र लगा है और वहीं पर बिजली बनाने की यूनिट भी स्थापित किया गया है। नगर निगम को उम्मीद है कि जून के दूसरे पखवाड़े तक यहां नियमित रूप से बिजली बननी शुरू हो जाएगी।
राजधानी में एकत्र किया जा रहे कूड़े को भरयाल स्थित प्लांट में प्रोसेस किया जा रहा है और इस वक्त वहां कूड़े से फ्यूल तैयार किया जा रहा है। इस संयंत्र में ही बिजली तैयार करने का भी संयंत्र लगा है। प्लांट में तैयार होने वाली बिजली को आगे ग्रिड में सप्लाई किया जाएगा और संकटमोचन स्थित सब स्टेशन से इसे जोड़ा गया है। इसके लिए वहां को एक अलग से लाइन बिछाई गई है। इस प्लांट में 1.7 मेगावाट से 2 मेगावाट तक बिजली का उत्पादन होगा।
गौर हो कि एनजीटी ने इस कूड़ा संयंत्र में एकत्र होने वाले कूड़े से बिजली तैयार करने को कहा है और उसके निर्देश पर नगर निगम ने इसकी प्रक्रिया शुरू की थी। इस संयंत्र में बिजली बनाने के लिए औसतन 70 मीट्रिक टन कू़ड़े की जरूरत है और प्लांट में 100 मीट्रिक टन कूड़े तक से बिजली बनाई जा सकती है। आजकल राजधानी में 60 से 80 टन तक कूड़ा प्रतिदिन एकत्र होता है।
इस प्लांट को दिल्ली की एलीफेंट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाएगी। यह कंपनी 40 वर्ष तक इसे चलाएगी। इसी कंपनी ने यहां पर बिजली तैयार करने का प्लांट लगाया है और इस पर 42 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह कंपनी यहां तैयार होने वाली बिजली को राज्य बिजली बोर्ड को बिजली बेचेगी। इसे चलाने के लिए कंपनी के कुछ इंजीनियर यहां आए भी थे, लेकिन कुछ औपतचारिकताओं के पूरा न होने के कारण वे वापस चले गए। बताते हैं कि अब वे जून माह के पहे सप्ताह में आ सकते हैं और उसके बाद इस प्लांट को चलाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
उधर, नगर निगम के महापौर संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में एकत्र हो रहे कूड़े से अब बिजली बननी है और इसका ट्रायल कर लिया गया है। ट्रायल सफल रहा है और एनजीटी के कुछ और निर्देश थे, उन्हें पूरा किया जा रहा है। उनका कहना था कि जून माह में इस संयंत्र से बिजली बननी शुरू हो जाएगी।
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