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जीनोम एडिटिंग के लिए इमानुएले व जेनिफर को मिला केमिस्ट्री का Nobel Prize
Last Updated on October 7, 2020 by Deepak
इस साल का केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार( Nobel Prize) इमानुएले शारपेंटियर (Emmanuelle Charpentier) और जेनिफर डाउडना( Jennifer Doudna) को जीनोम एडिटिंग का तरीका खोजने के लिए दिया गया है। ‘स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज’ के पैनल ने इसकी घोषणा की है। इमानुएले शारपेंटियर और डुडना ने 2012 में सीआरआईएसपीआर/सीएएस9 (CRISPR-Cas9) जेनेटिक कैंचियों (molecular scissors) की खोज की थी और इस खोज के बाद जीनोम एडिटिंग में क्रांति आ गई और यह बड़े पैमाने पर होने लगा. नोबेल समिति का मानना है कि इससे मानवता का बहुत भला हुआ। इनकी मदद से जीवों के डीएनए को रिसर्चर अतिसूक्ष्मता के साथ बदल सकते हैं। इस तकनीक के जरिए कैंसर के इलाज में मदद मिली और आनुवांशिक बीमारियों का इलाज संभव हो सका।
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नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (तकरीबन 8.20 करोड़ रूपये) की राशि दी जाती है स्वीडिश क्रोना स्वीडन की मुद्रा है। यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है।नोबेल पुरस्कार समिति की ओर से आज बुधवार को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों का ऐलान किया जिसमें संयुक्त रूप से 2 वैज्ञानिकों को दिए जाने का ऐलान किया गया। ब्लैक होल संबंधी खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को कहा कि ब्रिटेन के रोजर पेनरोसे को ब्लैकहोल संबंधी खोज के लिए तथा जर्मनी के रीनहार्ड गेंजेल और अमेरिका की एंड्रिया गेज को हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ की खोज के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।