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प्री-मैच्योर बेबी के लिए आईआईटी मंडी के इंजीनियरों ने बनाया सस्ता इनक्यूबेटर
Last Updated on June 30, 2023 by sintu kumar
मंडी। प्री-मैच्योर बेबी (Premature Babies), यानी मां के गर्भ से 9 महीने की नियत अवधि से पहले ही जन्म लेने वाले बच्चों को संकमण से बचाने और उन्हें सही तापमान पर रखने के लिए इनक्यूबेटर की जरूरत पड़ती है। 10 लाख रुपए तक की कीमत वाले ऐसे इन्क्यूबेटर्स (Incubator) सभी अस्पतालों में नहीं होते। अब मंडी आईआईटी (IIT Mandi) के इंजीनियरों ने महज 30 हजार रुपए की लागत से इनक्यूबेटर का प्रोटोटाइप बनाया है। इसे पूरी तरह से विकसित करने में केवल 1 लाख रुपए का खर्च आएगा।
इस नियोनेटल इन्क्यूबेटर बच्चों को मां की कोख जैसा वातावरण देगा। इसमें दो यूनिट लगे हैं। एक टेंपरेचर यूनिट और दूसरा ह्यूमिनिटी यूनिट। दोनों यूनिट को एप से संचालित किया जाता है। नियोनेटल इनक्यूबेटर को आईआईटी के बीटेक सेकेंड ईयर मैकेनिकल इंजीनियरिंग के केशव, बीटेक सेकेंड ईयर कंप्यूटर साइंस के हरि रमानी और मोहित कुमार ने बनाया है। इनका मार्गदर्शन सहायक प्रोफेसर डॉ. गजेंद्र सिंह ने किया। इन प्रशिक्षु इंजीनियरों ने मॉडल को एस20जी 20 में चल रही प्रदर्शित किया और राज्यपाल को भी दिखाया। राज्यपाल ने सराहना कर बधाई दी।
इसलिए होगा फायदेमंद
हिमाचल का औसतन तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस रहता है और केलांग जैस जिलों में तो यह माइनस 8.2 डिग्री तक भी पहुंच जाता है। यह मशीन आवश्यक तापमान बनाए रखने में सक्षम होगी। इसकी सबसे अधिक विशेषता यह है कि इसे स्थानांतरण के समय स्ट्रेचर में भी स्थापित किया जा सकेगा। यह शिशु के लिए एंबुलेंस सुविधाओं में उपयोग होगा। इसके साथ ही 55 और 60 डिग्री के बीच सापेक्ष आर्द्रता बनाए रखता है। इसको रिमोट के माध्यम से दुनियाभर में कहीं पर भी नियंत्रित किया जा सकेगा। बिना इनक्यूबेटर को खोले ही बच्चे तक पहुंचा जा सकता है।
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