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शिमला। परवाणू-शिमला फोरलेन के थर्ड फेस के निर्माण में हिमाचल को बड़ी राहत मिली है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने कैथलीघाट से ढली फोरलेन निर्माण के लिए 3600 पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी है। ये सभी पेड़ निजी भूमि पर हैं। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से राज्य को इस संबंध में पत्र मिल गया है।
फोरलेन के थर्ड फेस का निर्माण कार्य कैथलीघाट से ढली तक होना है। इसकी कुल लंबाई 24.7 किलोमीटर हैं। इसमें कुल 18,300 पेड़ काटे जाएंगे। वन भूमि पर 9300 पेड़ों को काटने की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है, जिन्हें काटने का कार्य वन निगम ने पहले ही शुरू कर दिया है। अब 5400 पेड़ों का मामला वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा जा रहा है। इसकी मंजूरी मिलने के बाद अन्य औपचारिकताओं को पूरा कर सड़क़ का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
परवाणू-शिमला फोरलेन तीन चरणों में बन रहा है। पहला चरण परवाणू से सोलन तक हैं। दूसरा चंबाघाट से कैथलीघाट और तीसरा कैथलीघाट से ढली तक है। चंबाघाट से कैथलीघाट तक के निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। इसका टेंडर मंगलवार को खुल गया है। तीसरे चरण का निर्माण कैथलीघाट, शोघी, तारा देवी, जुन्गा रोड होते हुए मशोबरा-कुफरी के ढली जंक्शन तक पहुंचाया जाएगा।
ऑथोरिटी को अब 24.7 किलोमीटर के स्ट्रेच की क्लीयरेंस का इंतजार है। वन पर्यावरण विभाग से अभी तक 12,900 पेड़ों को काटने की मंजूरी मिल चुकी है। 5400 पेड़ों की मंजूरी का अभी और इंतजार है। इसके बाद फोरलेन निर्माण कार्य की जद में आने वाले भवनों का अधिग्रहण कर उनका मुआवजा देने का कार्य भी लंबित है।
फोरलेन के तीसरे चरण के निर्माण कार्य में 1600 करोड़ की लागत आएगी। इसके लिए केंद्र से 376 करोड़ भूमि अधिग्रहण के लिए जारी हो चुका है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से भू अधिग्रहण का काफी कार्य किया जा चुका है।
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