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कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले भी नहीं बच सकते डेल्टा वेरिएंट से, WHO ने दी चेतावनी
Last Updated on July 1, 2021 by Sintu Kumar
कोरोना वायरस का नया डेल्टा वेरिएंट काफी खतरनाक बताया जा रहा है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने भी इसे अब तक का सबसे संक्रामक वेरिएंट मानते हुए ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ में लिस्टेड कर दिया है। अभी तक इसे ज्यादा घातक तो नहीं समझा जा रहा था लेकिन जो नया डाटा (New Data) सामने आया है उसमें कुछ सीरियस चीजें सामने आई हैं। इसमें बताया जा रहा है कि डेल्टा वेरिएंट पूरी तरह वैक्सीनेट से हुए लोगों को भी मौत के घाट उतार रहा है।
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पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) द्वारा जारी किए गए एक डाटा के मुताबिक, ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) से अब तक करीब 117 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 50 साल से ज्यादा उम्र के 109 लोग शामिल हैं। इनमें 50 ऐसे लोग भी हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, 50 साल से कम उम्र के पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुके एक भी इंसान की मौत यहां नहीं हुई है। डेल्टा वेरिएंट की चपेट में आने के बाद यहां 50 साल से कम उम्र के 8 लोग मरे हैं, जबकि इसी आयु वर्ग में वैक्सीन की सिंगल डोज लेने वाले सिर्फ दो लोगों की मौत हुई है। इसका ओवरऑल डेथ रेट देखा जाए तो 0.13 प्रतिशत ही है। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या वैक्सीन के डोज कोरोना के डेल्टा वेरिएंट पर प्रभावी नहीं हैं।
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वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत ब्रिटेन में लोगों को एस्ट्राजेनेका और फाइजर वैक्सीन (AstraZeneca and Pfizer Vaccine) के शॉट दिए जा रहे हैं। दुनियाभर के और भी कई देशों में इन वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रिटेन में कुछ समय पहले जारी हुआ एक डाटा कहता है कि फाइजर के दोनों शॉट लगने के बाद डेल्टा वेरिएंट से 88 प्रतिशत तक बचाव हो सकता है। जबकि एस्ट्राजेनेका 60 प्रतिशत तक इस जानलेवा वेरिएंट से इंसान का बचाव कर सकती है। लेकिन डेविड स्पाईगेहेल्टर और एंथॉनी मास्टर जैसे एक्सपर्ट कहते हैं कि कोविड-19 से मरने वालों में उम्र का भी बड़ा फैक्टर है।
एक्सपर्ट का दावा है कि इंसान की उम्र जितनी ज्यादा होगी, इंफेक्शन से मौत का खतरा भी उतना ही बड़ा होगा। जाहिर है कि 80 साल के पूरी तरह से वैक्सीनेट लोगों में इंफेक्शन का खतरा 50 साल के अनवैक्सीनेटेड लोगों से ज्यादा ही होगा इसलिए कुछ लोगों की जान को जोखिम ज्यादा हो सकता है। WHO ने भी डेल्टा वेरिएंट पर सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके लोगों को भी अब सावधान रहने की जरूरत है। जिन लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं, वे भी मास्क पहनें, फिजिकल डिस्टेंस को मेंटेन रखें और हाथों की सफाई का भी विशेष ख्याल रखें।