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लॉकडाउन में भी धड़ल्ले से बिक रहा नशा, लंगर का स्टिकर लगी गाड़ियों में हो रही Supply
लुधियाना। लॉकडाउन-कर्फ्यू ने भले ही कई लोगों के काम रोक दिए हों लेकिन पंजाब (Punjab) में नशा तस्करी पर इस बीच भी रोक नहीं लग पाई है। संकट के समय में भी नशा लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। फर्क सिर्फ इतना ही है कि तस्करों ने डिलीवरी का तरीका और समय दोनों ही बदल लिए हैं और दाम भी बढ़ा दिए हैं। रात में बताई जगह पर नशेड़ियों को नशा बड़ी आसानी से पहुंच रहा है। इसके लिए लंगर का स्टिकर लगी गाड़ियों और दूध सप्लाई वाले वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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सिविल अस्पताल में नशा छुड़ाने की दवा लेने आ रहे पीड़ितों ने यह दावा किया है। दवा लेने आए अलग-अलग एरिया के मरीजों ने कई चौंकाने वाली जानकारियां दीं। इनके अनुसार ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण भुक्की और अफीम मिलने में जरूर थोड़ी तंगी है मगर नशीली गोलियां और चिट्टा जरूर मिल रहा है। सिविल अस्पताल में नशा छुड़ाने का इलाज करवाने आए पीड़ितों के अनुसार आज भी घोड़ा कॉलोनी के कुछ तस्कर नशा बेच रहे हैं।
एक नशा पीड़ित ने बताया कि कुछ समय पहले जब लंगर बांटने के लिए होड़ लगी थी तो लंगर का स्टिकर लगी गाडिय़ों में ही नशे की सप्लाई हो रही थी। इसके अलावा दूध वाले बनकर भी नशे की सप्लाई हो रही है, क्योंकि दूध डालने के लिए प्रशासन ने किसी भी तरह का पास नहीं दिया है। अब एक ग्राम चिट्टे का दाम 4500 से 5000 रुपये है। गिल रोड के एरिया में काले रंग की बोलेनो और बोलेरो गाड़ी में नशे की सप्लाई हो रही है। यहां के एक युवक के अनुसार यह लोग हर सप्ताह गाड़ी की नंबर प्लेट भी बदल रहे हैं।