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Asteroid 1998 OR2: पृथ्वी के करीब से कल गुजरेगा Everest के साइज का उल्कापिंड, जानें
Last Updated on April 28, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। उल्कापिंड आजकल वैज्ञानिकों के आकर्षक का केंद्र बना हुआ है। दरअसल कल यानी बुधवार को लगभग 1।2 मील चौड़ा उल्कापिंड (Meteorite) पृथ्वी के पास से होकर गुजरेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के अनुसार, इसकी गति 19000 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बहुत बड़ा है और पृथ्वी पर वैश्विक प्रभाव पैदा करने के लिए काफी है। अगर ये उल्कापिंड गलती से भी पृथ्वी (Earth) से टकराया तो बहुत बड़ी तबाही हो सकती है। हालांकि, लोगों का घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस उल्कापिंड के धरती से टकराने की संभावना बेहद कम ही है।
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इस उल्कापिंड को 52768 (1998 OR2) का नाम दिया गया है। इसे पहली बार 1998 में देखा गया था। जब यह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा उस वक्त उसकी धरती से दूरी लगभग 39 लाख किलोमीटर होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार इसके एक छोर पर पहाड़ियों और लकीरें जैसे विशेषताएं दिखती हैं, इसलिए यह ऐसा नजर आता है, जैसे इसे मास्क लगा हो। भारत समेत दुनियाभर के वैज्ञानिक इस उल्कापिंड की दिशा पर गहरी नजर बनाए हुए हैं। नासा के मुताबिक ये उल्कापिंड माउंट एवरेस्ट जितना बड़ा है। बुधवार सुबह पांच बजकर 56 मिनट पर ये उल्कापिंड धरती के पास से गुजरेगा।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि अक्सर धरती के पास से ऐसे उल्का गुजरते रहते हैं। कुछ उल्का काफी छोटे होते हैं तो कुछ बड़े होते हैं। लेकिन इतने बड़े उल्का कभी कभी आते हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो इस तरह के उल्कापिंड की हर सौ साल में धरती से टकराने की 50 हजार संभावनाएं रहती हैं। लेकि बहुत कम बार ऐसा हुआ है कि इतना बड़ा उल्कापिंड धरती से टकराया हो। हालांकि, कुछ मीटर व्यास के उल्कापिंड जैसे ही पृथ्वी के वायुमंडल में आते हैं, तो जल जाते हैं। इसके कुछ छोटे-छोटे टुकड़े ही धरती की सतह पर पहुंचते हैं, जिनसे किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है।