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मंडी। डॉक्टरों की हड़ताल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कड़क रवैया अपनाया है। डॉक्टरों की पैन डाउन स्टाइक पर स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर का कहना है कि कुछ लोग नेतागिरी करने के लिए पैन डाउन स्ट्राइक का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने डॉक्टरों को सख्त लहजे में कहा है कि हड़ताल छोड़कर तुरंत काम पर वापस आओ, नहीं तो कहीं ऐसा न हो कि हाईकोर्ट के आदेशों पर हड़ताल खत्म करनी पड़े। मंडी में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कौल सिंह ठाकुर ने सख्त लहजे में डॉक्टरों द्वारा की जा रही पैन डाउन स्ट्राइक को अकारण बताया।
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार गंभीर है, लेकिन डॉक्टर अकारण ही पैन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए गैर जमानती कानून बना दिया गया है और अब इसे बजट सत्र के दौरान विधानसभा में पेश किया जाएगा।
कौल सिंह ठाकुर के अनुसार विधानसभा से मंजूरी मिलते ही इस कानून को मूर्तरूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को यह सोचना चाहिए कि मरीज उनके लिए वीआईपी है न कि मरीजों को ऐसी हालत में छोड़कर पैन डाउन स्ट्राइक की जानी चाहिए। कौल सिंह ठाकुर ने डॉक्टरों से हड़ताल को समाप्त करके दोबारा से अपनी सेवाओं को जारी करने की अपील की है। कौल सिंह ठाकुर ने चेताया कि कहीं एचआरटीसी की तरह हाईकोर्ट से आदेश मिलने पर डॉक्टरों को हड़ताल वापस न लेनी पड़े। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नेतागिरी करने के लिए हड़ताल का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 7 फरवरी को डॉक्टरों की स्वास्थ्य विभाग के सचिव के साथ बैठक रखी गई है और यदि उनकी कोई आपत्ति है तो वहीं इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री से भी मिल सकते हैं।
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