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नूरपुर। जीएसटी की चोरी करने वाले व्यापारियों पर आबकारी व कराधान विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभाग ने अक्टूबर माह में प्रदेश से बाहर से सामान लाने वाले कारोबारी जो समान का बिल की राशि से कम मूल्य दिखाते हैं से 21 लाख का शुल्क वसूला गया। जानकारी देते हुए जिला नूरपुर के राजस्व कराधान विभाग के सहायक कमिश्नर आयुक्त उज्जवल राणा ने बताया कि आगामी समय में प्रदेश से बाहर से बिल में हेराफेरी करके सामान लाने वालों पर विभाग शिकंजा कस सकता है।
उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से ई वे बिल के द्वारा सामान मंगवाने, लेकिन रिटर्न ना भरने वाले कारोबारियों पर विभाग आने वाले समय में कार्रवाई करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ कारोबारी जीएसटी नियम में ई विल की निर्धारित पचास हजार की राशि से कुछ कम राशि का बिल बना रहे हैं। इस प्रावधान की आड़ में हेराफेरी कर राजस्व विभाग को चुना लगा रहे हैं। जिसके चलते राजस्व विभाग के राजस्व में भी कमी आई है।
वहीं, उन्होंने बताया कि नूरपुर, इंदौरा, ज्वाली, फतेहपुर हलकों की सीमाओं पर पहले कुल 6 कराधान बैरियर थे। जिनमें से तीन को बंद कर दिया जा चुका है। वर्तमान में मात्र 3 कराधान बैरियर ही कार्यरत हैं। लेकिन अब किसी भी बैरियर पर माल के प्रवेश करने के लिए कोई फार्म नहीं भरा जा रहा। राणा ने कहा कि किसी भी ऐसे समान का ई वे फॉर्म पीछे से भरा गया हो तो उसके बाद कोई भी स्थानीय ट्रांसपोर्ट फॉर्म के नाम पर अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकता। अगर कोई ट्रांसपोर्ट अतिरिक्त शुल्क वसूलता पाया गया, तो विभाग नियमों के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा। इस अवसर पर उनके साथ कराधान अधिकारी मुकेश कुमार एवं आबकारी अधिकारी धीरज महाजन भी मौजूद रहे।
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