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PNB Fraud: नीरव की कंपनियों से जुड़े ‘फर्ज़ी’ निदेशकों ने कहा- उसने जान से मारने की धमकी दी
Last Updated on May 14, 2020 by
लंदन। धोखाधड़ी एवं धनशोधन के आरोपों से घिरे भारतीय हीरा व्यापारी नीरव मोदी (Nirav modi) के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की अदालत ने एक वीडियो चलाया, जिसमें नीरव की कंपनियों से जुड़े तथाकथित फर्जी निदेशकों ने कैमरे के सामने आरोप लगाया है कि उन्हें चोरी के आरोपों में फंसाने और जान से मारने तक की धमकियां दी गई थीं। एक ‘निदेशक’ ने कहा, ‘नीरव ने मुझे फोनकर कहा कि वह मुझे चोरी के मामले में फंसा देगा, उसने भद्दे शब्द इस्तेमाल किए।’ इस सप्ताह सुनवाई के दौरान लंदन (London) की वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट की अदालत में दिखाए गए इस वीडियो में छह भारतीयों को सुना जा सकता है।
मर्जी के खिलाफ नीरव के भाई ने संदिग्ध कागजातों पर कथित रूप से दस्तखत कराए
उनमें से हरेक ने दुबई छोड़ने और मिस्र के काहिरा आने के लिए मजबूर करने के आरोप लगाये हैं। उनके अनुसार वहां उनके पासपोर्ट (Passport) जब्त कर लिए गए और उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ नीरव के भाई नेहाल मोदी ने संदिग्ध कागजातों पर कथित रूप से दस्तखत कराए। बता दें कि हाल ही में भारत सरकार ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ जालसाजी और मनी लांड्रिंग मामले में ठोस सुबूत मुहैया कराए हैं। भगोड़ा कारोबारी लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के मामले का सामना कर रहा है। डिस्टि्रक्ट जज सैमुएल गूजी ने दस्तावेज देरी से सौंपे जाने पर चिंता जताई थी और हीरा कारोबारी की कंपनियों से संबंधित व्यापक बैंक स्टेटमेंट शामिल करने को कहा था।
जज ने लॉकाडाउन की वजह से प्रत्यर्पण के बारे में होने वाली सुनवाई पर चिंता जताई थी
इसके बावजूद वह अर्जी पर विचार करने के लिए सहमत हो गए थे। जज ने कहा था, ‘मैं एक बेहतर सवाल उठाने जा रहा हूं कि पहले सुबूत के रूप में इसकी पहचान क्यों नहीं की गई।’ गौरतलब है कि अप्रैल माह में नीरव मोदी वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए कोर्ट (Court) में पेश हुआ था। सुनवाई में डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गोजी ने लॉकाडाउन (Lockdown) की वजह से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के बारे में अगले महीने होने वाली सुनवाई पर चिंता जताई लेकिन सभी पक्षों में बनी सहमति के बाद ये तय हुआ था कि अंतिम सुनवाई से पहले 7 मई को कोर्ट के कॉमन व्यूइंग प्लेटफॉर्म (CVP) के जरिए इसका परीक्षण होगा जिसमें सिर्फ वकील शामिल होंगे।