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चकौता धारकों का हल्ला बोल
Last Updated on February 24, 2020 by Deepak
शिमला। जमीन के मालिकाना हक को लेकर चकौता धारक किसानों ने रोष रैली निकाली और सरकार पर जमकर हमला बोला। किसानों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी भी दी है। चकौता धारक किसान 1992 से जमीन के मालिकाना हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेसऔर बीजेपी दोनों सरकार ने ही किसानों की इस मांग पर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जिस वजह से किसान फिर से सड़कों पर हैं। चकौता धारक किसानों ने बताया कि जमीन का मालिकाना अधिकार ना होने कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 1970 से जमीन पर काम कर रहे हैं और अब सरकार कह रही है कि यह आपकी जमीन नहीं है। किसान अब कहां जाएगा। परिवार का गुजारा भी इसी जमीन से चल रहा है। मालिकाना हक न मिलने से कई सरकारी योजनाओं से भी किसानों को महरूम रहना पड़ रहा है।