- Advertisement -
नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का गुस्सा अभी भी कम नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तीनों कानूनों के लागू होने पर रोक तो लगा दी है और सरकार-किसान संगठनों (Farmer Organization) के बीच विवाद निपटाने के लिए कमेटी का गठन भी कर दिया, लेकिन अभी भी किसानों (Farmers) को किसी तरह की संतुष्टि नहीं हुई है। किसान संगठनों का आरोप है कि कमेटी में शामिल चारों लोग पहले कानूनों का समर्थन कर चुके हैं। इसी बीच प्रदर्शनकारी किसानों ने आज सिंधु बॉर्डर (Singhu Border) पर लोहड़ी (Lohri) मनाई और इस दौरान कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने बताया कि आज कानून की प्रतियां जलाई गईं। देश भर के किसानों ने आज फिर कानूनों को नकारते हुए उन्हें रद्द करने पर जोर दिया। किसान संघर्ष समन्वय समिति ने जारी बयान में बताया कि किसान आंदोलन के सभी पहलुओं को तेज करने की तैयारी है। किसान संगठनों ने दिल्ली के पास के सभी जिलों से दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारी करने का आह्नान किया है। 18 जनवरी को महिला किसान दिवस के आयोजन की तैयारी है।
एआईकेएससीसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने किसानों की कानून रद्द करने की मांग पर गलत तथ्य पेश किये, उनके दिये तर्क नहीं बताए। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उनका आंदोलन सरकार के खिलाफ है, हम कभी भी सुप्रीम कोर्ट के सामने नहीं गए। हम चाहते हैं कि कानूनों को वापस लिया जाए। सरकार को इस मामले में तुरंत संसद का सत्र बुलाना चाहिए और कानूनों को वापस लेना चाहिए। हम लगातार पीएम मोदी और सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
- Advertisement -