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गोहर में खाद लेने जब गोदाम पहुंचे किसान तो बुलानी पड़ी पुलिस,पढ़े पूरा मामला
संजीव कुमार/ गोहर। मंडी जिला के उपमंडल गोहर में पिछले तीन महीनों से क्षेत्र के किसानों को खाद नहीं मिल रही है। जिस के कारण किसानों की मक्की की फसल खेतों में पीली पड़ना शुरू हो गई है। यहां पर करीब 15 पंचायतों के सैंकड़ों किसानों ने अपने खेतों में मक्की की बिजाई की हुई है लेकिन यूरिया खाद के नहीं मिल रही है। किसानों ने विभाग को दर्जनों मर्तबा खाद की मांग से अवगत करवाया लेकिन विभाग मौन साधे रहा। लेकिन जैसे ही आज सुबह (चौगान) चैलचौक में यूरिया खाद की तीन गाड़ियां हिमफेड के गोदाम में पहुंची तो क्षेत्र के किसान तुरंत खाद लेने के लिए पहुंच गए और लंबी लंबी कतारों में खड़े हो गए।
गोदाम में पहले से डेरा जमाए बैठे थे डिपो होल्डर
यहां पर 24 डिपो होल्डरों ने पहले से ही डेरा जमाए रखा था। उनका कहना था कि वो खाद को पहले अपने डिपुओं में ले जाएंगे फिर किसानों को खाद मुहैया करवाएंगे। लेकिन किसानों को ये मंजूर नहीं थी। उनका तर्क था कि जब सभी किसान गोदाम में पहुंच गए हैं तो डिपो होल्डर्स को खाद क्यों दी जा रही है। बहस हुई और अंत में होमगार्ड के जवानों की देखरेख में सभी किसानों को एक एक बैग खाद को वितरित किया। हिमफेड गोदाम गोहर (चैलचौक) के इंचार्ज दामोदर भंडारी का कहना है कि हमने विभाग को 7000 बैग यूरिया खाद की डिमांड भेजी थी व डिमांड के हिसाब से शुरुआत में हमें 3 गाड़ियां मिली है, जिसमें 720 बैग यूरिया खाद के आए हैं। उन्होंने माना कि 3 गाड़ियां इलाके के लिए पर्याप्त नहीं है। किसानों का गुस्सा जायज है। भारी बरसात होने के कारण खाद सप्लाई में रुकावट आई है व कल तक दो गाड़ियां और आनी है ताकि क्षेत्र के किसानों को यूरिया खाद के लिए कहीं भी भटकना ना पड़े।
सरकार को किसानों ने दी चेतावनी
क्षेत्र के किसानों में भूप सिंह, राज कुमार, रमेश कुमार, मुरारी लाल,इंद्रा देवी, कमल किशोर,प्रेम सिंह,परमा नन्द, लोक पाल, टेक चंद, जीत कुमार, इंद्र सिंह आदि का कहना है कि विभाग प्रत्येक किसान को एक एक बोरी खाद दे रहा है जबकि यहां पर एक परिवार को करीब 10 बोरी खाद की डिमांड रहती है। क्षेत्र के किसानों ने सुक्खू सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेताया है कि अगर यहां के किसानों को समय पर खाद उपलब्ध ना करवाई गई तो इसका खामियाजा आने वाले लोकसभा चुनावों में भुगतने को तैयार रहे।