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गुरुहरसहाय। लोगों को आपने बड़े-बड़े दान करते तो देखा या सुना होगा, लेकिन क्या कभी दान में दी हुई चीज वापस मांगते सुना है। फिरोजपुर जिले के गुरुहरसहाय में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के पूर्व जस्टिस और पंजाब के पूर्व लोकपाल ने 70 साल पहले दान दी गई परिवार की जमीन वापस मांगी है। गुरुहरसहाय नगर काउंसिल के वर्षों तक प्रधान रहे गुरु कर्मसिंह सोढी ने करीब 300 एकड़ यह जमीन सरकार को दान दी थी। यह जमीन अब उनके बेटे एसएस सोढी ने वापस मांगी है। दावेदारों में एसएस सोढी के भाई रिटायर ब्रिगेडियर एचएस सोढी का देहांत हो चुका है।
कर्म सिंह सोढी के जीवित रहते ही इस जमीन पर सरकार (Government) ने करोड़ों रुपये खर्च कर सिविल अस्पताल, पुलिस स्टेशन, हाई स्कूल सहित पंचायत समिति दफ्तर आदि भवनों का निर्माण करवाया। उनके देहांत के बाद हाल ही में वारिसों ने जमीन वापस करने के लिए सरकार को नोटिस भेजा है। हालांकि, यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। नोटिस में उन्होंने कहा है कि यह 300 एकड़ जमीन उनके पिता ने दान दी थी इसलिए इसे उन्हें लौटाया जाए।
वारिसों ने निचली अदालत में भी दावा किया था, जिस केस को वे जीत गए थे, लेकिन सेहत विभाग ने हाईकोर्ट में याचिका (Petition) दायर कर दी। इस पर सुनवाई पेंडिंग है। गुरु कर्म सिंह सोढी ने यह जमीन 1950 से 1965 के बीच दान दी थी। थाना गुरुहरसहाय के प्रभारी जसवरिंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस के पास दान की जमीन का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं था। इससे विभाग ने वारिसों के साथ समझौता किया है। इसमें थाने की बनी बिल्डिंग को छोड़कर फ्रंट पर बचती खाली जमीन वापस दी जानी है। सेहत विभाग (Health department) के पूर्व सचिव सतीश चंद्रा उस वक्त फिरोजपुर के डीसी थे। उन्होंने बताया कि ट्रॉमा सेंटर बनाते वक्त वारिसों ने रोक लगाई थी। इससे उन्हें समझौता करना पड़ा। हाईकोर्ट में केस विचाराधीन है।
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