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युग के पिता बोले: ”हमने दरिंदों के लिए फांसी मांगी थी, हमें इंसाफ मिला”
Update: Wednesday, September 5, 2018 @ 10:53 PM
शिमला। युग मर्डर केस में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज का फैसला आने के बाद युग के पिता विनोद कुमार ने कहा, ”हमने दरिंदों के लिए फांसी मांगी थी, हमें इंसाफ मिला”। उन्होंने कहा कि ईश्वर भी इन दरिंदों को नहीं बख्शेगा।

इससे पहले युग के पिता विनोद कुमार और मां पिंकी गुप्ता ने कोर्ट में पहली सुनवाई के दौरान ही
दोषियों के लिए फांसी की सजा मांगी थी। चार साल तक इंसाफ की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद विनोद कुमार बोले, ”मेरा लाड़ला भले ही अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन कानून ने इंसाफ के पक्ष में अपना फैसला सुनाया।” बुधवार को डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस कोर्ट ने युग मर्डर केस के तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई।
युग मर्डर केस: कब-क्या हुआ
- -14 जून 2014 को युग का अपहरण हुआ। परिजनों ने सदर थाने में गुमशुद्धगी की रिपोर्ट दर्ज कराई
- -15 जून 2014 छानबीन शुरु, पुलिस को नहीं मिला सुराग, परिजनों की मांग पर सीआईडी को सौंपी जांच
- -20 अगस्त 2016 को सीआईड़ी ने विक्रांत कि रूप में की पहली गिरफ्तारी
- -22 अगस्त 2016 को विक्रांत की निशानदेही पर युग का कंकाल बरामद, चंद्र शर्मा व तेजेंद्र पाल की गिरफ्तारी
- -25 अक्टूबर 2016 को सीआईडी ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की
- -20 फरवरी 2017 को जिला एवं सत्र न्यायालय में टायल शुरू
- -20 से 28 मार्च 2017 तक पहला ट्रायल
- -16 मई से 1 जून 2017 तक फिर ट्रायल। बीच में 14-22 सितंबर और 16-20 नवंबर तक ट्रायल चले। अभियोजन पक्ष ने 105 गवाह कोर्ट में पेश किए
- -27 फरवरी 2018 को प्रॉसिक्यूशन की विटनेस पूरी हुई
- -5 मार्च 2018 को आरोपियों के 313 के बयान रिकार्ड किए गए
- -27 अप्रैल 2018 को बयान रिकार्ड करने के बाद आरोपियों को डिफेंस एविडेंस का मौका दिया गया
- -8 मई 2018 को आरोपियों ने डिफेंस में एविडेंस पेश करने से मना किया। आरोपियों के डिफेंस एविडेंस से मुकरने पर कोर्ट ने बहसबाजी की तारीख तय की
- -6 अगस्त 2018 को अदालत में हुई सुनवाई, तीनो आरोपी दोषी करार
- -पिछली चार सुनवाई के दौरान नहीं हुआ सजा का फैसला
- 5 सितंबर 2018 को तीनों आरोपियों को मिली फांसी की सजा