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यहां अपने गांव का नाम लेने में लोगों को आती है शर्म, जानें क्या है कारण
दुनिया में हर इंसान जहां वह रहता है या पैदा होता है, उस जगह का नाम हमेशा गर्व से लेता है। हालांकि, दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां के लोगों को अपने गांव का नाम बताने में शर्म आती है। दरअसल, स्वीडन (Sweden) के एक गांव के रहने वाले लोगों के लिए उनके गांव का नाम ही परेशानी का सबब बना हुआ है। गांव के लोगों ने गांव का नाम बदलने के लिए अभियान छेड़ दिया है।
स्वीडन के इस गांव के लोग गांव का नाम बताने में झिझकते हैं। सोशल मीडिया सेंसरशिप (Social Media Censorship) के चलते वे अपने गांव का उल्लेख भी सोशल साइट्स पर नहीं कर पाते हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि गांव का नाम जल्द से जल्द बदल दिया जाए ताकि उन्हें शर्मिंदगी और परेशानियों का सामना करना पड़े।
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ये है इतिहास
वर्तमान में ग्रामीणों को इस गांव का नाम बताने में बहुत शर्म आती है। हालांकि, इस नाम के लिए पूरा इतिहास जुड़ा हुआ है, लेकिन उस वक्त शायद इस नाम को शर्मिंदगी का सबब नहीं माना जाता रहा होगा। गांव का ये नाम ऐतिहासिक है और इसे सन् 1547 में यह नाम दिया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन के इस गांव का नाम ‘Fucke’ है। अब गांववालों ने इसका नाम बदलने का अभियान छेड़ रखा है।
गांव में हैं इतने घर
ऐतिहासिक और पुराना नाम होने की वजह से स्वीडन के नेशनल लैंड सर्वे डिपार्टमेंट (National Land Survey Department) को भी इसे बदलने में परेशानी हो रही है। गांव में कुल 11 घर हैं और इन लोगों का कहना है कि उन्हें अपने गांव का नाम बताने में शर्म आती है। ग्रामीणों का कहना है कि वे गांव का नाम बदलने के लिए मांग उठाते रहेंगे।
सोशल मीडिया पर होती है परेशानी
ग्रामीणों ने कहा कि उनका गांव शांत है और लोग यहां खुश हैं, फिर भी वे इस गांव का नाम बदलना चाहते हैं। जिसका कारण सोशल मीडिया सेंसरशिप है। उन्होंने कहा कि इस तरह के नाम जो आपत्तिजनक या अश्लील लगते हैं, उन्हें हटा दिया जाता है। गांव के नाम की वजह से किसी भी विज्ञापन को फेसबुक (Facebook) पर भी नहीं डाल सकते हैं।
ये नाम चाहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि गांव का नाम बदलकर Dalsro रखा जाए, जिसका मतलब है शांत घाटी। उनका कहना है कि वैसे तो इस नाम में कोई समस्या नहीं है, लेकिन कई बार ये शर्मिंदगी का विषय बन जाता है।