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सीहोर। बात सुनने-पढ़ने में जरूर अटपटी लग सकती है पर सच्चाई यही है कि एक मादा बंदर अपने जख्मी बच्चे का इलाज करवाने अस्पताल पहुंची। ये अलग बात है कि बच्चा मर चुका था, लेकिन अस्पताल में मौजूद सभी की आंखें ये सब देखकर नम थीं। बात मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर की है। बताया जा रहा है कि सीहोर शहर की पुरानी जेल की दीवार के पास से बिजली की 11 केवी की लाइन गुजरती है। इस लाइन की जड़ से लगे पेड़ों के झुरमुट पर मस्ती कर रहे बंदरों के एक समूह के साथ एक हादसा हो गया। बंदर का एक बच्चा झूलती डाल से सीधा इस लाइन की चपेट में आ गया और झुलसकर नीचे जमीन पर गिर गया।
मां बच्चे को पास ही एक जिला चिकित्सालय (District hospital) में ले आई। बेजुबान मां गोदी में बच्चे को लेकर जिला पशु चिकित्सालय के मुख्य द्वार पर बैठकर हर आने-जाने वाले को देखती रही और मन ही मन आग्रह कहती रही कि कोई उसके बच्चे का इलाज करो और उसके प्राण बचा लो। ये मंजर इतना भावुक था कि अस्पताल का स्टाफ भी बंदरिया की इस हरकत को देखकर अपनी आंखों से आंसू नहीं रोक पाय। जब तक डॉक्टर (Doctor) वहां पहुंचा और बंदरिया के बच्चे की जांच की तब तक बच्चा मर चुका है। जब बंदरिया को समझ आया कि डॉक्टर अब कुछ नहीं कर पाएगा तो वह भारी मन से मृत बच्चे को लेकर अपने समूह में चली गई।
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