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सूरत। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के गृहराज्य गुजरात के भुज गर्ल्स कॉलेज में 68 लड़कियों के मासिक धर्म (Periods) में होने या न होने की जांच के लिए पूरी तरह नग्न (Nude) किए जाने के बाद अब एक और ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल गुजरात में सूरत नगर निगम के कर्मचारी संघ का आरोप है कि करीब 100 महिला ट्रेनी क्लर्कों को सरकारी अस्पताल में कई घंटे न्यूड खड़ा रखा गया और महिला डॉक्टरों ने उन पर ‘फिंगर टेस्ट’ (Finger test) किया।
आरोप है कि इस दौरान अविवाहित महिलाओं से कुछ आपत्तिजनक निजी सवाल भी पूछे। कर्मचारी संघ के महासचिव एए शेख के अनुसार, अविवाहित कर्मचारियों से भी पूछा गया कि क्या वे कभी गर्भवती हुई हैं। बताया गया कि महिला कर्मचारियों को एक कमरे में लगभग 10 के समूहों में एक साथ नग्न खड़े होने के लिए मजबूर किया गया, जहां कोई गोपनीयता नहीं थी। दरवाजा ठीक तरह से बंद नहीं था और केवल पर्दे लगे हुए थे।
वहीं इस मामले में अस्पताल के स्त्री रोग विभाग के प्रमुख आश्विन वछानी ने बताया कि हॉस्पिटल के गाइडलाइन्स के मुताबिक, महिलाओं की शारीरिक जांच अनिवार्य है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि ऐसी जांच पुरुषों की होती है या नहीं लेकिन महिलाओं के मामले में हमें इन नियमों का पालन करना पड़ता है और जांच करनी होती है कि कहीं किसी महिला को किसी तरह का रोग तो नहीं है।
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