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फतेहपुर। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal School Education Board) की प्री बोर्ड परीक्षाओं (Pre Board Examinations) के लिए निजी स्कूलों से प्रति छात्र 100 रुपये पेपर फीस को लेकर विरोध के स्वर उठने लगे हैं। वहीं, पेपरों की मांग बोर्ड को भेजने पर भी आपत्ति जताई गई है। फिनजा इन एसोसिएशन का कहना है कि एक तरफ कोरोना के चलते बच्चों की कक्षाएं नहीं लग पाई हैं। दूसरी ओर प्री बोर्ड परीक्षाएं करवाना गलत है। ऐसा करके बच्चों के समय की बर्बादी होगी। फिनजा एन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल (Private School) की बैठक प्रधान नरेंद्र मनकोटिया की अध्यक्षता में रैहन में हुई।
फिनजा प्रधान नरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि बोर्ड द्वारा स्कूलों से पैसे मंगवाना गलत है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल इस समय मुश्किल की घड़ी से गुजर रहे हैं। एक तरफ स्कूल के बच्चों की फीस नहीं आ रही है, जिससे स्कूलों के खर्चे उठाना मुश्किल हो गया है। दूसरी ओर स्कूलों से पैसे मंगवाना कहां तक सही है। उन्होंने बोर्ड चेयरमैन तथा सचिव को अपने आदेश वापस लेने का आग्रह किया। वहीं फिनजा कोषाध्यक्ष अजय पठानिया ने बताया कि स्कूलों द्वारा बार-बार मांग करने के बाद भी अभी तक सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की बसों के टैक्स (Tax) माफ नहीं किए, जिससे स्कूल बसें नहीं चला पा रही हैं। उन्होंने पंजाब सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने स्कूलों को राहत देते हुए टैक्सों में 31 मार्च तक छूट दी है। फिनजा संस्थापक राष्ट्र शर्मा ने कहा कि कोरोना (Corona) के चलते बच्चों की कक्षाएं नहीं लग पाई हैं और प्री बोर्ड परीक्षाएं करवाईं जा रही हैं, जोकि सरासर गलत है। ऐसा करके बच्चों के समय की बर्बादी होगी। इस मौके पर हरमिंदर सिंह, कमल कुमार, रमेश शर्मा व दिवेंद्र के साथ अन्य मौजूद रहे।
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