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Corona काल में स्टाफ को आधा वेतन देना हुआ मुश्किल, आर्थिक सहायता दे सरकार
Last Updated on August 2, 2020 by Vishal Rana
रविंद्र चौधरी/फतेहपुर। कोरोना (Corona) महामारी से बंद पड़े निजी स्कूलों (Private School) में काम करने वाले शिक्षकों वाहन चालकों के अलावा अन्य की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है, जिसके चलते इन्होंने प्रदेश सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। फिनजा आफ प्राइवेट स्कूल के प्रतिनिधियों ने रविवार को रैहन में एक प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने निजी स्कूलों को आ रही समस्याओं को लेकर सरकार को शीघ्र आगे आकर आर्थिक मदद की अपील की। संगठन प्रधान नरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि कोविड-19 के चलते निजी स्कूलों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है अब तो स्थिति ऐसी है कि स्टाफ (Staff) को आधा वेतन देना भी नामुमकिन सा लग रहा है, क्योंकि अब स्कूलों में फीस बहुत कम आ रही है। उन्होंने सरकार से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।
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स्कूल बसों के सारे कर माफ करे सरकार
फिनजा संगठन कोषाध्यक्ष अजय पठानिया ने कहा कि स्कूलों की खड़ी बसों (School Bus) की स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बसों को दोबारा जब चलाया जाएगा तब तक इनकी मरम्मत पर ही लाखों का खर्च आएगा। दूसरा सरकार ने खड़ी बसों के करों को लेकर अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं की है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई की प्राइवेट बसों की तर्ज पर स्कूल बसों के भी पूरे कर और इंश्योरेंस (Tax and Insurance) माफ किए जाएं।
शिक्षा बोर्ड की दोहरी नीति हमारी समझ से परे है
फिनजा संगठन मीडिया प्रभारी राम कुमार वर्मा ने बताया कि एक तरफ स्कूल शिक्षा बोर्ड स्कूल (HP Board) में किसी भी कमर्शियल गतिविधियां ना चलाने को कहता है दूसरी ओर आए दिन स्कूलों को किताबें लेने के लिए दवाब बनाया जा रहा है, जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी प्रकार की किताबें या अन्य सामग्री स्कूल में नहीं बेचते। उन्होंने कहा कि बच्चे अपनी इच्छा से किसी भी दुकान से किताबें ले सकते हैं, जिसके लिए हम उन्हें बाध्य नहीं करते।