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BSNL एक्सचेंज में आगः जीवीके का कॉल सेंटर हुआ डेड, मरीजों की जान आफत में
Update: Thursday, October 11, 2018 @ 4:14 PM
दयाराम कश्यप, सोलन। यहां के सिविल अस्पताल में रविवार सुबह एक मरीज को शिमला आईजीएमसी रेफर किया गया। परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन लगाया, जो नहीं लगा, क्योंकि यहां BSNL के एक्सचेंज में आग लगने से कॉल सेंटर की लाइनें ठप हैं। मरीज को किसी दूसरे एंबुलेंस के जरिए शिमला पहुंचाया गया।
हालत यह है कि न तो लोग मरीजों के लिए एंबुलेंस बुलवा पा रहे हैं और न ही रेफरल के मामलों में एंबुलेंस के ड्राइवरों को यह समझ आ रहा है कि वे किस डॉक्टर से बात करें, ताकि रास्ते में मरीज को जरूरत की आपात चिकित्सा मुहैया कराई जा सके। सोलन में रविवार रात BSNL के एक्सचेंज में आग लग गई थी। तभी से 102 और 108 एंबुलेंस के कॉल सेंटर ठप हैं।

जीवीके ने क्या किया ?
जीवीके कम्पनी ने सभी एम्बुलेंस के कर्मचारियों को एयरटेल के नंबर भी दिए हैं। इससे जीवीके कम्पनी के अधिकारियों से बातचीत की जा सकती है। जब ड्राइवर जीवीके कंपनी के अधिकारियों को फोन करता है तो कंपनी केस की जानकारी हासिल कर ड्राइवर को जरूरी जानकारियां देती हैं। जीवीके के मीडिया प्रभारी अभिषेक बंगालिया ने यह जानकारी दी।
लेकिन जमीन पर हालात उल्टे
जब सोलन में 108 एम्बुलेंस कर्मचारियों से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि यदि कोई सीरियस केस आता है तो वह किस ऑफिस के डॉक्टर से संपर्क साधें, यही पता नहीं चल पा रहा है। ऑफिस के कर्मचारी, अधिकारी फोन ही नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में वे रेफर किए गए सीरियस केस को कैसे ले जाएं ? कर्मचारियों ने कहा कि अगर रेफर किए गए मरीज को एम्बुलेंस में उपचार देना हो कैसे दें ? किसी डॉक्टर का पर्सनल नम्बर उनके पास नहीं है। अगर रोगी को ले जाते समय सही उपचार न मिलने से मौत हो जाती है तो उसकी जिमेवारी जीवीके कम्पनी की होगी य फिर सरकार की?