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शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब बारिश, बर्फबारी, अंधड़, ओलावृष्टि और बिजली गरजने की सटीक जानकारी समय रहते मिलेगी। राजधानी शिमला (Shimla) के कुफरी में शुक्रवार को प्रदेश के पहले डॉप्लर वेदर रडार (Doppler weather radar) का शुभारंभ किया गया। यह रडार सभी दिशाओं में 100 किमी तक के मौसम का डेटा प्रदान करेगा। आज प्रदेश के पहले डोपलर वैदर रडार का शुभारंभ केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने मौसम विज्ञान विभाग (Meteorological department) के 146वें स्थापना दिवस के मौके पर वर्चुअल माध्यम से किया। यह वैदर रडार शिमला के कुफरी और उत्तराखंड के नैनीताल मुक्तेश्वर में स्थापित किए गए हैं। इस अवसर पर वर्चुअली संबोधित करते हुए सीएम जय राम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कुफरी में राडार को समर्पित करने के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार जताया। जयराम ठाकुर ने कहा कि कि प्रदेश के मंडी और चंबा जिला के डलहौजी में दो और राडार स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राडार स्थापित करने के लिए मंडी में स्थान चिन्हित कर लिया गया है और डलहौजी में शीघ्र ही चिन्हित कर लिया जाएगा। वर्तमान में कुफरी में स्थापित किया गया राडार दो सप्ताह की अवधि के लिए परीक्षण मोड पर रहेगा। उसके पश्चात इसका डेटा का उपयोग पूर्वानुमान के लिए किया जाएगा।
वहीं मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह ने बताया कि यह रडार पूरी तरह से स्वचालित है और इसकी कार्यप्रणाली कम्प्यूटरीकृत कार्यक्रम आधारित है। यह विभिन्न डिजिटल प्रारूप और तस्वीरों के रूप में डेटा संचारित करेगा। इंटिग्रेटिड हिमालयन प्रोजेक्ट (Integrated Himalayan Project) के तहत यह रडार स्थापित किया गया है। डोपलर वैदर रडार कुछ देर बाद मौसम में आने वाले बदलाव की भी जानकारी उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से विशिष्ट क्षेत्र में मौसम से संबंधित विभिन्न घटनाओं जैसे आंधी तुफान, आसमानी बिजली, ओलावृष्टि, भारी बारिश, बर्फबारी, तेज हवाओं इत्यादि के लिए अधिक स्टीक क्षेत्र विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान और चेतावनी जारी की जा सकेगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि डीडब्ल्यूआर से बुनियादी जानकारी प्राप्त करने के उपरान्त परावर्तन प्राप्त किया जाएगाए जो बादल में जल सामग्री का एक मापक होगा।
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