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सोलन। मानसून आने से पहले सरकारी स्तर पर बैठकें कर आपदा प्रबंधन की रणनीति बनती है, पर लगता है सोलन (Solan) में सिर्फ कागजों पर ही रणनीति बनी। यहां पर की पहली बारिश ने जिला प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है। गुरुवार को सुबह के समय हुई बारिश से शहर का जो आलम रहा कि नालियों में कूड़ा जमा होने से पानी सड़कों पर बहने लगा।
कई स्थानों पर नाले बंद होने के कारण बारिश का पानी (Rain water) लोगों के घरों में घुस गया। सोलन शहर के कई हिस्सों में सड़कें तालाब बन गई। ग्राम पंचायत नौणी में बने ताल में भी बारिश का पानी एकत्र होने से आसपास बने मकानों को खतरा हो गया है। अगर लगातार बारिश होती रही तो ताल का पानी लोगों के घरों तक पहुच जाएगा। जिससे लोगों को भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है।
अब परवाणू-शिमला फोरलेन का हाल भी जानिए। इस मार्ग पर जगह-जगह कटान होने से सड़क दलदल बन गई है। इतना ही नहीं मार्ग पर एक हादसा (accident) होते-होते रह गया। भारी बारिश के चलते सनवार के समीप पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक निजी बस का शीशा टूट गया। गनीमत यह रही कि पत्थर किसी सवारी को नहीं लगा। सुबह के समय सोलन में हुई इस बारिश के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को हुई है।
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