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गोविंदसागर झील में डाला पं बंगाल से मंगवाया Fish Seed , ताकि चलती रहे मछुआरों की रोजी-रोटी
Last Updated on August 30, 2020 by saroj patrwal
ऊना। हिमाचल प्रदेश के जलाश्यों, सामान्य नदी-नालों व इनकी सहायक खड्डों में 12 हजार से अधिक मछुआरे ( Fisherman) मछलियां पकड़ कर अपनी रोजी-रोटी कमाने में लगे हुए हैं। इन्ही जलाशयों और सामान्य नदी नालों में मछली बीज ( Fish seed)डालने का कार्य शुरू हो गया है। मत्स्य एवं पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर( Fisheries and Animal Husbandry Minister Virendra Kanwar)ने कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के तहत अंदरोली में गोबिंद सागर झील ( Gobind Sagar Lake)में मछली बीज डालकर यह काम शुरु किया । गोबिंद सागर झील में डाला जाने वाला मछली बीज विशेषतौर पर पश्चिम बंगाल से मंगवाया गया है और विभाग द्वारा 70 एमएम से अधिक आकार का बीज डाला जा रहा है। मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि विभाग द्वारा प्रदेश में 15 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जाता है लेकिन पिछले कई वर्षों से मछली उत्पादन में कमी आ रही थी जिसे लेकर बीज न ठीक डालने जैसी भ्रांतियां सामने आ रही थी। कंवर ने कहा कि विभाग द्वारा आज मत्स्य बीज संग्रहण करने की जानकारी उन्हें दी थी जिसके बाद उन्होंने खुद आकर इसका जायजा लिया है। कंवर ने कहा कि इस बार एक करोड़ पांच लाख रूपये की लागत से मछली का बीज डाला जा रहा है।
कंवर ने कहा कि सरकार ज्यादा से ज्यादा मछली बीज संग्रहण करने की योजना बना रही है ताकि मछुआरों को रोजगार मिल सके। कंवर ने कहा कि गोबिंद सागर झील पर ही 45 सौ से ज्यादा परिवारों की निर्भरता है। कंवर ने कहा कि मछुआरों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए भी सरकार उचित कदम उठा रही है। कंवर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले नील क्रान्ति का नारा दिया था और इस बार जो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू की गई है उसके तहत मत्स्य पालन में पेश आने वाली आधारभूत कठिनाइयों का निवारण हो रहा है।