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पहले Lockdown ने मारा अब “Breeding” ने
Last Updated on July 17, 2020 by Deepak
मंडी । जिला में नदी नालों में मछली पकड़ने वाले मछुआरों को अब अपनी रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है। कारण है कोरोना, जिसके कारण मछुआरों का काम लाॅकडाउन के चलते बिल्कुल बंद रहा और जब लाॅकडाउन में थोड़ी राहत मिली तो मछलियों के प्रजनन समय के चलते मतस्य आखेट पर अगस्त महीने तक प्रतिबंध है। जिले के बल्ह घाटी के सोयरा गांव में सिर्फ मछली पकड़कर अपने परिवार का पेट पालने वाले दर्जनों मछुआरों को रोटी की चिंता सताने लगी है। मछुआरों के अनुसार उन्हें लाॅकडाउन में भी कोई सहायता या राहत राशि नहीं दी गई और ना ही उन्हें मछली पकड़ने के लिए जाल बनाने के लिए विभाग की ओर से धागा व अन्य सामाग्री नहीं मिली। जिसके कारण उन्हें जाल बनाने आदि के लिए अपनी जेब से ही पैसे खर्च करने पड़ रहे है। ये सभी मछुआरे लाइसेंस धारक हैं और इन्हें बाकायदा नदी नालों में मछली पकड़ने की परमीशन भी है। लेकिन अब कोरोना संकट के समय में इन्होंने सरकार, विभाग व जिला प्रशासन से मदद करने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही इन्होंने रेजर वायर के मछुआरों के समान इन्हें भी राहत पैकेज देने की सरकार से मांग उठाई है ताकि इनके परिवार पर आए संकट को टाला जा सके।