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Mandi सब जेल के पांच कैदियों को मिली जमानत, तीन दिल्ली और एक जम्मू का
मंडी। लॉकडाउन के बीच मंडी सब जेल में अंडर ट्रायल चल रहे पांच कैदियों को जमानत तो मिल गई, लेकिन इनमें से चार का घर पहुंचना मुश्किल हो गया है। जमानत मिलने वालों में तीन दिल्ली के, एक जम्मू का और एक मंडी जिला का आरोपी शामिल है। दिल्ली और मंडी वाले आरोपी एनडीपीएस एक्ट के आरोपी हैं, जबकि जम्मू निवासी धोखाधड़ी के मामले का आरोपी है। जेल अधीक्षक मंडी निवेदिता नेगी ने बताया कि लॉकडाउन (Lockdown) के बीच पांच लोगों को रूटीन के तहत जमानत मिली है और इन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है। जब भी कोर्ट द्वारा इन्हें समन देकर बुलाया जाएगा तो इन्हें पेशी में आना होगा। इन पांचों को जमानत तो मिल गई, लेकिन चार को लॉकडाउन के कारण मंडी में ही रुकना पड़ रहा है। दिल्ली और जम्मू के आरोपियों को प्रशासन ने अपनी निगरानी में रखा है और इनके रहने-खाने की व्यवस्था भी की है।
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यहां स्पष्ट कर दें कि जिन लोगों को जमानत मिली है उन्हें रूटीन प्रोसेस के तहत जमानत दी गई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लॉकडाउन के बीच जमानत पर रिहा किए जाने से इनका कोई संबंध नहीं है। मंडी सब जेल में इस वक्त 175 कैदी अंडर ट्रायल के हैं, जबकि 11 ऐसे हैं जिन्हें सजा हो चुकी है। इनमें से कोई भी लॉकडाउन में मिलने वाली जमानत के लिए बनाए गए नियमों को पूरा नहीं करता है, जिन्हें जमानत मिली है उनकी याचिका रूटीन प्रोसेस के तहत हाईकोर्ट में लगी थी और उसी आधार पर इन्हें जमानत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे अंडर ट्रायल कैदियों को रिहा करने के आदेश
जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग को मैन्टेन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नियमों के तहत अंडर ट्रायल चल रहे कैदियों को रिहा करने को आदेश दिया है। नियमों के तहत ऐसे कैदियों की जमानत का प्रावधान है जो पहली बार किसी जुर्म में अंडर ट्रायल चल रहे हों और इनपर लगी धाराओं के तहत सात साल या इससे कम की सजा का प्रावधान हो। साथ ही कैदी उसी प्रदेश का निवासी और कम से कम तीन महीनों से जेल में बंद होना चाहिए, लेकिन मंडी की सब जेल में ऐसा एक भी कैदी नहीं, जिस कारण यहां से किसी को भी लॉकडाउन की छूट के तहत जमानत नहीं मिल पाई है।