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मंडी में जिला एवं सत्र न्यायधीश ने सुनाया फैसला
मंडी। Flirting के आरोपी की अपील निरस्त करते हुए अदालत ने आरोपी की सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाया है। जिला एवं सत्र न्यायधीश सीएल कोछड़ के न्यायलय ने सदर तहसील के भडयाल (टिक्कर) निवासी आरोपी मनीष कुमार की अपील को निरस्त करते हुए ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के फैसले को बहाल रखा है। आरोपी को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायलय ने 14 मार्च 2014 को सुनाए फैसले में भादंस की धारा 354 और 341 के तहत क्रमश: एक साल और एक माह के साधारण कारावास तथा एक हजार व पांच सौ रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।
आरोपी ने सत्र न्यायलय में अपील दायर कर इस फैसले को चुनौती दी थी। सत्र न्यायलय ने अपील की पैरवी के दौरान दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद इसका फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों से आरोपी पर छेड़खानी और रास्ता रोकने का अभियोग साबित हुआ है। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला न्यायवादी बीएन शांडिल्य ने पैरवी की।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 मई 2011 को शिकायतकर्ता स्कूल से घर जा रही थी। इसी दौरान आरोपी ने उसे रास्ते में रोक लिया और उसके साथ छेड़खानी की। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया गया था। अपीलीय अदालत ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को उचित मानते हुए इसे चुनौती देने वाली आरोपी की अपील को निरस्त कर दिया और उसे उक्त कारावास भुगतने के लिए अदालत के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
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