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Forelane प्रभावितों का ऐलानः अब बनेगी करो या मरो की रणनीति, होगा आंदोलन
Update: Wednesday, April 18, 2018 @ 11:53 AM
ऋषि/ नूरपुर। कंडवाल से लेकर बौड़ तक National Highway पर प्रस्तावित Forelane के रूट को बदलने की मांग पूरा न होने पर प्रभावित लोग एक बैनर तले एकजुट होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि विस्थापन को टालने की मांग को लेकर हर द्वार पर दस्तक दी, लेकिन पूरी तरह अनदेखी हुई। State Govt सहित शासन-प्रशासन ने संजीदगी न दिखाकर प्रभावितों को उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया। इसके चलते Forelane Affected करो या मरो की रणनीति अपनाने के लिए मजबूर हो गए हैं। यह बात Forelane Affected संघर्ष समिति और व्यापार मंडल, मार्केंट वेलफेयर कमेटी जसूर की जसूर में हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मार्केट वेलफेयर कमेटी के प्रवक्ता डॉक्टर अशोक शर्मा ने कही।

उन्होंने Govt and Administration पर आरोप लगाया कि उन्होंने सभी प्रतिनिधियों के आगे उक्त मार्ग पर बाईपास का विकल्प रखा, ताकि वर्तमान सर्वे के कारण लोग व कारोबारी उजड़ने से बच जाएं, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। अब धरना, प्रदर्शन व अन्य विकल्पों पर विचार कर मांग को मनवाया जाएगा। उन्होंने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि कंडवाल से बौड़ तक प्रस्तावित फोरलेन का रूट बदलकर जब्बर खड्ड के साथ-साथ बनाने का प्रस्ताव लेकर समिति पदाधिकारी संबंधित केंद्रीय मंत्रालय, प्रदेश के सीएम, सांसद, प्रदेश परियोजना प्रमुख सहित अन्य सभी जन प्रतिनिधियों से मिलकर अपनी उपयुक्त मांग रखी थी, लेकिन अफसोस इस बात का है कि किसी ने भी उनकी बात पर गौर नहीं किया और तो और एक बार भी उस विकल्प पर गौर नहीं फरमाया गया। उन्होंने कहा कि Forelane योजना के चलते जसूर बाजार में करीब 90 करोड़ की राशि से प्रस्तावित फ़्लाइओवर के कारण बाजार पूरी तरह उजड़ जाएगा और नीचे दब कर रह जाने के कारण पूरा व्यवसाय चौपट हो जाएगा। वहीं, कंडवाल से बौड़ तक कंडवाल, पक्का टियाला, नागाबाड़ी, राजा का बाग, जसूर, जाच्छ व बौड़ तक सैकड़ों कारोबारी संस्थान उजड़ जाएंगे। लोगों का रोजगार पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि जसूर बाजार में जितनी जितनी लागत से फ्लाई ओवर बनेगा उससे बाईपास पर आधी सड़क का निर्माण हो जाएगा लेकिन यह बात समझ नहीं आ रही है कि प्रदेश सरकार को यह विकल्प क्यों समझ नहीं आ रहा। वहीं, बाईपास बनने पर न तो सरकार को ज्यादा मुआवजा देना पडे़गा, बल्कि उक्त बाईपास पर नाममात्र का विस्थापन होगा। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति, मार्केंट वेलफेयर कमेटी व व्यापार मंडल इस धक्काशाही को कतई सहन नहीं करेगा और यदि सरकार का रुख नहीं बदला तो रण होगा और ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए सब तैयार हैं। इस मौके पर मार्केट वेलफेयर के चेयरमैन डॉक्टर चन्द्रेश्वर गुप्ता, व्यापार मंडल के राजू महाजन, संघर्ष समिति के महासचिव विजय सिंह हीर, बलदेव पठानियां, राकेश, सुभाष पठानियां व रघुनाथ शर्मा सहित अन्य प्रभावित लोग भी मौजूद रहे।