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मंडी। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश में वन विभाग पूरी तरह से एक्टिव हो गया है। वन विभाग की जमीन पर 5 बीघा से अधिक के जितने भी कब्जे हैं प्रथम चरण में उन्हें हटाने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। मंडी जिला की बात करें तो 135 लोगों ने वन भूमि पर 5 बीघा से अधिक के कब्जे कर रखे थे। इनमें से 119 कब्जों को वन विभाग छुड़ाने में कामयाब रहा है। इनमें अधिकतर वो कब्जे थे, जहां जमीन खेतीबाड़ी या फिर बगीचे के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। अब बारी उन कब्जों को हटाने की आई है, जहां मकान बने हैं।
ऐसे 7 कब्जाधारियों को वन विभाग ने नोटिस जारी करके 15 दिन में मकान खाली करने को कहा है। यह मकान सदर, सुकेत और नाचन वन मंडलों के तहत पाए गए हैं। इसके अलावा कुछ लोग फिर से डिमार्केशन करवाने के लिए हाईकोर्ट चले गए हैं ऐसे में इनपर फैसला आने के बाद ही आगामी कार्रवाई होगी, लेकिन जिन्हें नोटिस जा चुका है उनपर 15 दिन के बाद कार्रवाई होना तय है। वन अरण्यपाल मंडी उपासना पटियाल ने बताया कि यदि कोई कब्जाधारी मकान खाली नहीं करता है तो वन मंडल स्तर पर बनी कमेटियां कार्रवाई शुरू कर देंगी।
वहीं अगर पांच बीघा से कम जमीन पर कब्जा करने वालों की बात करें तो इनकी संख्या बहुत ज्यादा है। करीब 1046 लोगों ने वन विभाग की पांच बीघा से कम जमीन पर कब्जा कर रखा था। 968 लोगों से इन कब्जों को छुड़वा लिया गया है, जबकि 77 कब्जाधारियों पर अभी कार्रवाई होना बाकी है। इनमें 31 लोग फिर से अपील लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। वन अरण्यपाल मंडी उपासना पटियाल के अनुसार अभी विभाग का मेन फोक्स 5 बीघा से अधिक के कब्जों को छुड़ाने का है जबकि इसके तुरंत बाद 5 बीघा से कम वाले कब्जाधारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इसमें सबसे ज्यादा मामले नाचन वन मंडल के तहत हैं।
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