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PWD ने बिना अनुमति काम करने भेज दिए 30 मजदूर, Forest Department ने रोका काम
मंडी। कोरोना कर्फ्यू के बीच विभागों को कार्य करने की अनुमति मिलने के बीच वन और लोक निर्माण विभाग के बीच एक विवाद खड़ा हो गया है। मामला पधर उपमंडल के तहत उरला गांव का है। यहां लोक निर्माण विभाग( PWD) पर बिना अनुमति के कार्य करने का आरोप लगा है और वन विभाग ( Forest Department) की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्य को रूकवा दिया है। वहीं चर्चा इस बात को लेकर भी है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा भेजे गए मजूदरों ने ना तो सोशल डिस्टेंसिंग( Social Distancing) का पालन किया और ना ही उनके पास मास्क और सैनिटाइजर थे। पूरा मामला कुछ इस तरह से है।लोक निर्माण विभाग के पधर उपमंडल के करीब 30 मजदूर उरला से बधाला के लिए बनने वाली सड़क की अलाइनमेंट के लिए वन विभाग की भूमि पर काम करने पहुंच गए। यह मजदूर अलाइनमेंट से पहले यहां झाडि़यां आदि काटने के लिए अधिकारियों के निर्देशों पर यहां आए थे। लेकिन वन विभाग को जब इसकी सूचना मिली तो तुरंत वन उपराजिक रमेश चंद, वन रक्षक जगदीश चंद, भानु राणा और कमल शर्मा मौके पर पहुंचे। इन्होंने पाया कि लोक निर्माण विभाग बिना अनुमति के कार्य करवा रहा है। ऐसे में इन्होंने तुरंत प्रभाव से कार्य को बंद करवा दिया और मौके पर आए सभी मजदूरों की सूची तैयार करे उसे उच्चाधिकारियों को भेज दिया है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि मजदूरों को बड़ी संख्या में बिना मास्क और सैनिटाइजर के भेजा गया और इनके आने-जाने की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई थी।
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बताया जा रहा है कि इससे पहले भी सबंधित एसडीओ द्वारा यही मजदूर 16 अप्रैल से 20 अप्रैल तक उरला-नौशा मार्ग में नौशा से आगे सड़क की अलाइनमेंट के लिए भेजे गए थे जिस दौरान पूर्ण रूप से कर्फ्यू था और सभी प्रकार के कार्यों पर रोक थी।वहीं जब इस बारे में डीएफओ जोगिंद्रनगर राकेश कटोच से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर कार्य को रूकवा दिया है। यह कार्य बिना अनुमति के किया जा रहा था। अनुमति के साथ कार्य करने पर कोई रोक नहीं है।
लोक निर्माण विभाग उपमंडल पधर के एसडीओ चमन चंदेल ने बताया कि अलाइनमेंट का कार्य सही ढंग से हो सके इसलिए मजदूरों को झाडि़यां काटने के लिए भेजा गया था। मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखकर कार्य कर रहे थे। सभी के पास मास्क और सैनिटाइजर थे। इस तरह के आरोप निराधार हैं। जो फोटो दिखाया जा रहा है उसमें सभी मजदूरों को जबरन एक साथ खड़ा करवाया गया है जबकि काम करते वक्त मजदूर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखकर काम कर रहे थे।