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हिमाचल सरकार की इस पहल से लुप्त जल संसाधन जीवित हो उठेंगे
Last Updated on September 1, 2021 by Deepak
शिमला। वनों में लुप्त हो रहे जल संसाधनों को फिर से जीवित करने के मकसद से हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने GiZ पोषित HIMFES (हिम वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवा ) परियोजना की शिमला से शुरुआत की है। वन मंत्री राकेश पठानिया ने शिमला पीटर हॉफ में इस परियोजना की शुरुआत की। यह परियोजना पश्चिमी हिमालयी राज्यों यानी कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लागु होगी।
33 करोड़ होगी परियोजना
परियोजना की लागत लगभग 33 करोड़ रुपये है। यह परियोजना प्रदेश के कांगड़ा, चंबा और मंडी जिले की चयनित पंचायतों में लागू की जाएगी। वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि प्रदेश पर्यावरण वनों की सुरक्षा के लिए प्रासंगिक नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में अग्रणी रहा है। जिससे जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद मिली है।
30 फीसदी वन आवरण का है लक्ष्य
उन्होंने कहा कि हिमाचल वन विभाग 2030 तक कुल भौगोलिक क्षेत्र का 30 प्रतिशत वन आवरण लाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक बूटा बेटी के नाम, वन समृद्धि जन समृद्धि, सामुदायिक वन संवर्धन योजना और विद्यार्थी मित्र योजना जैसी कई योजनाओं को लागू कर रहा है। वर्तमान परियोजना भी ग्रामीण समुदाय और वनों को संरक्षण करने में फायदेमंद होगा। इस मौके पर मुख्य सचेतक विक्रम सिंह जरयाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन निशा सिंह, मुख्य अरण्यपाल वन डॉ सविता और योजना निदेशक डॉ बसु सूद भी मौजूद रहे।
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