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Himachal में शिक्षा के गिरते स्तर से शांता चिंतित, कह दी यह बड़ी बात
Last Updated on January 22, 2020 by Deepak
पालमपुर। हिमाचल में शिक्षा के गिरते स्तर से पूर्व सीएम व सांसद शांता कुमार चिंतित दिखे। इसको लेकर शांता कुमार ने पूर्व सरकारों को कटघरे में खड़ा किया है। शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल में शिक्षा का विस्तार जनसंख्या की दृष्टि से भारत में सभी प्रदेशों से अधिक हुआ है। दुर्भाग्य से उसके साथ ही शिक्षा का स्तर भी सबसे अधिक गिरा है। छोटे से हिमाचल में 21 विश्वविद्यालय (University), एक जिला में सात विश्वविद्यालय (University) और एक पंचायत में तीन विश्वविद्यालय, ऐसा ओर कहीं नहीं है। पता नहीं पिछली सरकारें किस उद्देश्य से रेवड़ियों की तरह विश्वविद्यालय बांटती रहीं।
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उन्होंने कहा है कि सीबीआई (CBI) छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship Scam) की जांच कर रही है। इस प्रकार के बहुत सी फर्जी शिक्षा संस्थाओं का पता लग रहा है। विश्वविद्यालयों के अतिरिक्त निजी अन्य संस्थाओं की हिमाचल में भरमार है। सीबीआई (CBI) जांच से चकित करने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। बिना पढ़े विद्यार्थियों को डिग्रियां मिलती रहीं, घर बैठे प्रमाण-पत्र मिलते रहे। बहुत से विश्वविद्यालय और शिक्षा संस्थाओं में ना तो स्टाफ पूरा है न बैठने के लिए भवन है। बेरोजगारी के कारण युवा कोई डिग्री लेने के लिए इनमें प्रवेश लेते हैं। यह एक कड़वी सच्चाई है कि कुछ शिक्षा संस्थाएं केवल डिग्री देने वाली दुकानें बन गई हैं।
प्रदेश में 1194 पटवारियों के पदों के लिए 3 लाख उम्मीदवार थे। उम्मीदवारों में एमए, बीए पढ़े हुए थे। अवश्यक योग्यता केवल मैट्रिक थी। परन्तु उन 3 लाख उम्मीदवार में से केवल 1185 पास हुए। यदि यह आंकड़ा सामने आ जाए कि उनमें एमए, बीए पढ़े हुए भी कितने फेल हुए तो शिक्षा के गिरते स्तर का अनुमान लगाया जा सकता है। हिमाचल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) द्वारा ली गई टीजीटी मेडिकल टैट (TGT Medical TET) परीक्षा में भी केवल 5.13 प्रतिशत छात्र पास हुए। बोर्ड द्वारा ली गई आठ विषयों की शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में लगभग 50 हजार छात्रों से केवल 10 हजार ही पास हुए हैं।
उन्होंने कहा है कि शिक्षा संस्थाओं के स्तर की जांच के लिए सरकार ने एक रेगुलेटरी अथॉरिटी (Regulatory Authority) बनाई है, उसका अपना ही बुरा हाल है। उसके अध्यक्ष पर कई प्रकार के आरोप लगते रहते हैं। उस अथॉरिटी को ही रेगुलेट करने की आवश्यकता है। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) से विशेष आग्रह किया है कि इस महत्वपूर्ण समस्या पर अतिशीघ्र सरकार कड़ी कार्रवाई करे और अच्छी शिक्षा संस्थाओं को प्रोत्साहन दिया जाए।