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Virbhadra ने बजट को दिशाहीन दस्तावेज दिया करार, बोले-जल्दबाजी में बनाया
Last Updated on March 6, 2020 by Deepak
शिमला। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) ने प्रदेश सरकार के आम बजट पर निराशा व्यक्त की है। उन्हें लगता है कि बजट सोच समझ कर नहीं, जल्दबाजी में बनाया गया एक दिशाहीन दस्तावेज है। उन्हें नहीं लगता, इससे प्रदेश का कोई भला होगा। उन्होंने कहा है कि इस बजट में देश व प्रदेश की आर्थिक मंदी का साफ असर दिख रहा है। बजट में कोई भी ऐसा प्रयास नजर नहीं आ रहा है, जिससे प्रदेश में विकास दर बड़े या विकास के कार्य पूरे हो सकें।
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वीरभद्र सिंह ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बजट में प्रलोभन तो देने का बहुत प्रयास किया गया है, पर इन्हें कैसे पूरा किया जाएगा, यह बड़ा प्रश्न है। प्रदेश में आय बढ़ाने के कोई भी प्रयास इसमें नहीं हैं। किसानों व बागवानों के साथ साथ मध्य वर्ग और कर्मचारियों को भी इस बजट में कोई राहत नहीं है। बेरोजगारों को रोजगार पर भी कोई सार्थक प्रयास इसमें नजर नहीं आ रहा है। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि बेहतर होता अगर इसमें प्रदेश को आर्थिक मंदी से उभरने के कोई सार्थक उपायों की बात कही होती। प्रदेश में आद्योगिक विकास की नीति पर भी कोई बात इस बजट में नहीं की गई है।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश के आम बजट को लोगों को गुमराह करने वाला बताते हुए कहा है कि उन्हें उम्मीद थी कि इसमें प्रदेश के विकास की कोई नई ईबारत पेश होगी पर ऐसा कुछ भी नहीं निकला। महज आंकड़ों को दर्शाते हुए हवा महल खड़े करने का प्रयास किया गया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि बजट में युवाओं को घोर उपेक्षा की गई है। प्रदेश में ना तो रोजगार की बात की गई है ना ही स्वरोजगार की। किसानों व बागवानों को भी कोई राहत या इनकी पैदावार बढ़ाने के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं है।