-
Advertisement
पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने किया खुलासा: बॉल टेंपरिंग करते थे IND-PAK के खिलाड़ी, नहीं हुआ कोई एक्शन
Last Updated on July 9, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे (Kiran More) ने भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाड़ियों द्वारा मैच के दौरान बॉल टेंपरिंग (Ball tempering) किए जाने के बारे में बड़ा खुलासा किया है। किरण मोरे ने बताया कि साल 1989 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज में दोनों ही देशों के खिलाड़ियों ने गेंद के साथ छेड़छाड़ की हरकत की थी। उन्होंने बताया कि उस दौरान किस तरह दोनों ही टीम के खिलाड़ी रिवर्स स्विंग के लिए गेंद से छेड़छाड़ कर रहे थे। मोरे की मानें तो रिवर्स स्विंग लाने के लिए दोनों ही टीमों के गेंदबाजों ने गेंद से छेड़छाड़ की थी। ग्रेटेस्ट राइवलरी पॉडकास्ट में किरण मोरे ने इस बारे में खुलासा करते हुए कहा कि रिवर्स स्विंग के लिए गेंदबाज बॉल को स्क्रैच कर रहे थे और अंपायरों की भी इसमें दंड देने में कोई भूमिका नहीं रही थी।
यह भी पढ़ें: आफरीदी का Sachin पर निशाना: कहा- वो मानेंगे नहीं लेकिन वह Shoaib Akhtar से डरते थे
इसी सीरीज में सचिन तेंदुलकर और वकार यूनुस ने किया था डेब्यू
जिस सीरीज के बारे में किरण मोरे ने यह खुलासे किए हैं ये वह सीरीज थी, जिसमें पाकिस्तान के वकार यूनुस और भारत के सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपना डेब्यू किया था। मोरे के मुताबिक उन दिनों गेंद से छेड़खानी की इजाजत थी, ताकि गेंदबाज रिवर्स स्विंग हासिल कर सकें। तब दोनों टीमों में से कोई इसकी शिकायत नहीं करता था। हर गेंदबाज छेड़छाड़ करता था। तब बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। मोरे ने इस बात का दावा किया कि मनोज प्रभाकर ने भी तभी गेंद से छेड़छाड़ करना सीखा। उस सीरीज के एक अंपायर जॉन होल्डर ने एक इंटरव्यू में दोनों टीमों के उस समय के कप्तान इमरान खान और क्रिस श्रीकांत से इस मुद्दे पर बात की थी, लेकिन उस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। तब इसके लिए बहुत ज्यादा सजा का प्रावधान नहीं था। मोरे ने बताया, ‘एक विकेट गिरने के बाद उन दिनों अंपायर गेंद को अपने पास नहीं रखा करते थे। लिहाजा खिलाड़ी गेंद को स्क्रेच करते थे।’