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नई दिल्ली। राष्ट्रपति पदक से सम्मानित (President Medal awarded) एक पूर्व सेना अधिकारी (Former army officer) जिन्होंने दो दशक पहले कारगिल युद्ध (Kargil war) में हिस्सा लिया था उन्हें असम (Assam) में ‘विदेशी’ (Foreigner) घोषित कर हिरासत में लिए जाने के मसले पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। 52 वर्षीय मोहम्मद सनाउल्लाह को एक फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल द्वारा ‘विदेशी‘ घोषित करने पर आर्मी ने कहा है कि वह इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। सेना (army) ने कहा कि उसने सनाउल्लाह की पत्नी समीना बेगम को बुलाया था और उनका दुख साझा किया।
सनाउल्लाह के वकील ने कहा है, ‘जांच अधिकारी का कहना है कि वह कभी सनाउल्लाह से नहीं मिला और उसने समान नाम के दूसरे व्यक्ति से पूछताछ की थी।’ उन्होंने कहा, ‘हमने फॉरेनर्स ट्रिब्युनल को बताया है कि जांच रिपोर्ट मनगढ़ंत है।’ बता दें कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) में उनका नाम नहीं होने के बाद यह कदम उठया गया है। सनाउल्लाह (52) दो साल पहले 2017 में आर्मी से ऑनररी कैप्टन के पद से रिटायर हुए थे। कामरूप जिले के अपर पुलिस अधीक्षक संजीब सैकिया ने बताया कि 2008 में सनाउल्लाह का नाम मतदाताओं की सूची में ‘डी’ (संदिग्ध) मतदाता के रूप में दर्ज किया गया था। न्यायाधिकरण के फैसले के बाद, सैकिया ने कहा कि पुलिस निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, सनाउल्लाह को ले गई और उन्हें गोलपारा जिले के नजरबंदी शिविर में भेज दिया गया है।
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