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गफूर खान/धर्मशाला। सीएम वीरभद्र सिंह चुनावी वर्ष को नजदीक देखकर हर रोज नए नए शिगूफे छेड़ रहे हैं और जनता को जमकर बेवकूफ बना रहे हैं। सीएम का हाल यह है कि खुद घोषणाएं करके खुद ही भूल जाते हैं। अब विपक्ष को मदारी कहने वाले सीएम खुद बताएं कि असल में मदारी कौन है। यह शब्द पूर्व मंत्री किशन कपूर ने धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहे।
कपूर ने कहा कि चंद रोज पहले सीएम ने अपने बेटे को शिमला ग्रामीण से चुनाव मैदान में उतारने की बात कही। अब सीएम उस बात को भी मजाक कहकर टाल रहे हैं। यदि सीएम अपने बेटे के राजनीतिक भविष्य को लेकर ही इतना बड़ा मजाक कर सकते हैं तो प्रदेश की जनता से वह किस हद तक मजाक कर सकते हैं इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
कपूर ने कहा कि यह सीएम की बढ़ती उम्र का तकाजा है या बिगड़ता मानसिक संतुलन लेकिन यह प्रदेश के लिए बहुत ज्यादा घातक है। हाल ही में सीएम कांगड़ा प्रवास पर आए थे और शिलान्यासों और घोषणाओं की झड़ी लगा दी। सीएम ने रात को भी शिलान्यास किए, लेकिन सीएम यह भी बताएं कि उनकी पुरानी कितनी घोषणाएं पूरी हुई हैं। सीएम ने धर्मशाला को राजधानी बनाने की घोषणा की और बीजेपी ने इसकी अधिसूचना जारी करने की मांग की। इसपर सीएम ने फिर से मजाक कर दिया और कहा कि उनकी घोषणा ही अधिसूचना है। अब सीएम कहते हैं की धर्मशाला में न तो कोई सरकारी निदेशालय जाएगा और न ही कोई सचिवालय जाएगा। अब सीएम बताएं कि जब यहां कुछ भी नहीं होगा तो क्या धर्मशाला बस नाम की राजधानी होगी। चुनाव नजदीक देख सीएम धर्मशाला के नाम पर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। सीएम का कहना है कि धर्मशाला में चीफ इंजीनियर के ऑफिस हैं और यह राजधानी के लिए काफी हैं। ऐसे ऑफिस अन्य जिलों में भी हैं तो क्या सीएम उन्हें भी राजधानी घोषित कर देंगे। कपूर ने कहा कि अब जब भी चुनाव होंगे तब कांग्रेस सरकार की विदाई तय है। अपनी ही घोषणाओं से मुकरने वालों को प्रदेश की जनता सबक सिखाएगी।
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