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नूरपुर। स्थानीय सिविल अस्पताल में 28 जुलाई को गर्भवती महिला मौत का मामला तूल पकड़ने लगा है। महिला की मौत को लेकर नूरपुर (Nurpur) अस्पताल के प्रशासन व संबंधित डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगने लगे हैं। जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन (Ajay Mahajan) ने मीडिया से बातचीत में सरकार से मांग की है कि अस्पताल में गर्भवती महिला मौत मामले की उच्चस्तरीय जांच (High Level Inquiry) करवाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। अजय महाजन ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने उक्त अस्पताल को लंबे समय से जोनल अस्पताल के दर्जा दिया है, लेकिन ना तो उस तर्ज की सुविधाएं दी गईं हैं और ना ही विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ अन्य स्टाफ को पूरा किया गया है।
यहां तक की अस्पताल में जनरेटर भी खराब पड़ा है। बिजली जाने पर मोमबत्ती के सहारे डॉक्टर कार्य करते हैं। ऐसे में जोनल अस्पताल मजाक का विषय बनकर रह गया है। महाजन ने कहा कि ढाई साल में उक्त अस्पताल रेफरल अस्पताल बन चुका है, लेकिन अब यह किल्लर अस्पताल भी बन चुका है। उन्होंने नूरपूर के विधायक एवं वन मंत्री राकेश पठानिया को सलाह देते हुए कहा कि अब तो वो मंत्री बन गए हैं तो नूरपुर के अस्पताल की दशा को सुधारने की ओर भी ध्यान दें। अगर ऐसा ना हुआ तो धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य हो जाएंगे। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि पीड़ित परिवार की सरकार द्वारा सहायता की जाए।
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