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पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व राष्ट्रपति #PranabMukherjee: राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार
Last Updated on September 1, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) मंगलवार दोपहर पंचतत्व में विलीन हो गए। भारत रत्न से सम्मानित प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। बेटे अभिजीत मुखर्जी ने उन्हें अंतिम विदाई दी। कोरोना वायरस के चलते, उनके पार्थिव शरीर को गन कैरिज के बजाय वैन में श्मशान तक ले जाया गया। ‘कोरोना काल’ की वजह से श्मशान घाट पर पूर्व राष्ट्रपति का परिवार और रिश्तेदार पीपीई किट में मौजूद रहा। कंधा देने वालों ने पीपीई किट पहन रखी थी।
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प्रणब मुखर्जी को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इससे पहले, मुखर्जी के सरकारी निवास 10, राजाजी मार्ग पर उनके पार्थिव शरीर को रखा गया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने मंगलवार को उनके अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
बांग्लादेश ने भी घोषित किया एक दिन का राष्ट्रीय शोक
मुखर्जी का सोमवार की शाम सेना के दिल्ली स्थित रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। वह 84 वर्ष के थे। उन्हें गत 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। इस दौरान, उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। उन्हें 2019 में भारत रत्न और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। प्रणब मुखर्जी के निधन पर केंद्र सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। इसके साथ ही बांग्लादेश ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में बुधवार को एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।