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सीएम को बिना मास्क लगाए अपने ही नेता नहीं दिखते, तो अब पुलिस कैसे काटेगी चालान
Last Updated on August 27, 2021 by saroj patrwal
पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली (Former Transport Minister) ने कहा है कि हिमाचल की हालत ये हो गई है कि सीएम (CM) को बिना मास्क लगाए अपने ही नेता नहीं दिखते, तो अब पुलिस बिना मास्क आम आदमी का चालान कैसे काटेगी। उन्होंने कहा है कि सरकार के ऊपर जो भी जिम्मेदारी होती है उसे पूरा करने में वह फेल हुई है। बाली ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है कि लाशों के ढेर और बिना इलाज मारे गए लोगों को गुजरे कोई लंबा वक्त नही गुजरा हैए तीन महीने पहले की ही बात है, कांगड़ा समेत पूरे हिमाचल (Himachal) में लोगो ने अकाल मौत अपनों को खोया किसी का सुहाग उजड़ा किसी बहन ने भाई खोया किसी ने बहन कई बच्चे अनाथ हुए। यह सब भूलकर सरकार और उसका पूरा तंत्र खुद वैसी ही तबाही को आमंत्रण देने सड़को पर उतर आया। क्या उदाहरण जनता के चुने प्रतिनिधि और नेता सेट कर गए। किस मुंह से पुलिस बिना मास्क आम आदमी का चालान काटेगी। किस मुंह से अपने ही लोगो को बॉर्डर (Border) पर रिपोर्ट लाने के लिए कहा जा रहा है, बाली की ये बातें उस संदर्भ में हैं,जिसके तहत बीते पांच दिन पूरे प्रदेश में सैकड़ो लोगो की भीड़ जगह जगह इक्कठी की गई, बिना कोविड प्रोटोकॉल खुद सरकारे के नुमाइंदे बिना मास्क (Without Mask) चलते रहे। याद रहे कि बाली इन दिनों केरल के कोची से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्वास्थय लाभ कमा रहे हैं।
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बाली ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए लिखा है कि खुशी की बात है किसी नेता को भारत सरकार में प्रतिनिधित्व मिला हैं पर व्यक्तिगत अहम संतुष्टि और दिखावे के लिए कोरोना (Corona) खतरे के बीच लोगो को साथ लेकर घूमना तीसरी लहर के खतरे के बीच यह जलसे करना कहां तक सही है। यह सेलिब्रेशन सही वक्त और सही परिस्थितियों में भी तो किया जा सकता था। देश की राजधानी दिल्ली में जहां कोरोना के केस दहाई के अंक में आ रहे है वहां हिमाचल में रोज सैंकड़ो केस सामने आ रहे हैं। हैरानी की बात है कि सरकार के ऊपर जो भी जिम्मेदारी होती है उसे पूरा करने में सरकार फेल हुई है। बाली ने आगे लिखा है कि हजारों लोग कोरोना से मरे उनके डेथ सर्टिफिकेट पर कोरोना से मौत नहीं लिखा जा रहा है। विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री खुद जवाब देते है कोरोना वारियर सिर्फ जुमला है कोई भी फ्रंटलाइन वर्कर्स ऑफिशियल रूप से कोरोना वारियर नहीं है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाली (GS Bali) ने लिखा है कि सीएम को बिना मास्क लगाए अपने ही नेता नहीं दिखते, पार्टी कैडर के नाम पर जगह-जगह खड़ी की गई भीड़ नहीं दिखती। दिखते है तो सिर्फ आम जनता के आयोजन उनके कार्यक्रम और कोरोना के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। सारी सख्ती सारा अनुशासन और सारे जुर्माने सिर्फ प्रदेश की जनता के लिए हैं। बीजेपी कैडर (BJP cadre) सरकार की शह पर जो मर्जी करे ए वो कोरोना लहर को आमंत्रण नहीं है वो इनका शक्ति प्रदर्शन है। चुनाव आएंगे तब शक्ति प्रदर्शन करना कम से कम आज इन हालात में तो सब्र रखते, लोगों द्वारा अपनो को खोने का जख्म अभी हरा है, आंसू नहीं सूखे हैं। हजारों परिवार इस त्रासदी से उबर नहीं पाए हैं। सरकार का क्या है आप तो आन रिकार्ड भी नहीं मान रहे कि कोरोना से किसी की मृत्यु हुई है। मुफ्त राशन वैक्सीन का ढिंढोरा पीटने के लिए इन्हीं जलसों से कोरोना को फिर फैला देना जरूरी नही। बाली लिखते हैं कि सरकार कुछ तो सरकार होने का लिहाज रखे। क्या सरकारों की जिम्मेदारी मुफ्त राशन टेम्पररी हॉस्पिटल बनाने तक सीमित है?