-
Advertisement
भक्तों को प्रसाद में दी जा रही राम मंदिर फाउंडेशन की खुदाई से निकली मिट्टी
Last Updated on April 10, 2021 by Deepak
अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण में एक लंबा अरसा लगा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा मंदिर को लेकर दिए गए फैसले के बाद अब निर्माण शुरू हो चुका है। उधर, राम लला के भक्तों को अब गर्भ गृह की मिट्टी (Soil) दी जा रही है। जानकारी के अनुसार श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दर्शन करने आने वाले भक्तों (Devotees) को अब गर्भ गृह की मिट्टी (Soil) प्रसाद के रूप में दी जा रही है। आपको बता दें कि यह वो मिट्टी है जो मंदिर की फाउंडेशन तैयार करने के लिए नींव की खुदाई के दौरान निकली है। अब खुदाई के दौरान निकली मिट्टी (Soil) को राम जन्मभूमि परिसर समेत अलग-अलग स्थानों पर रखा गया है। हालांकि आपको यह भी बता दें कि इस मिट्टी को देने के लिए जो खास डिब्बे बनाए गए हैं वो सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही दिए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: कोरोना इन इंडिया : 24 घंटे में आए 1 लाख 45 हजार केस, महाराष्ट्र में साप्ताहिक लॉकडाउन
इसके अलावा आम भक्त (Devotees) यदि यह मिट्टी अपने साथ ले जाना चाहते हैं तो भक्तों को इसके लिए बर्तन खुद ही उपलब्ध करना पड़ता है। उधर, राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) का कहना है कि गर्भ गृह की मिट्टी से राम भक्तों को प्यार है। साधुओं सहित भक्तों में नींव की खुदाई के दौरान निकली मिट्टी (Ram Mandir Soil) के लिए आस्था है। इसलिए जो भी श्रद्धालु बाहर से या अलग-अलग मठ-मंदिरों से उनके कहने पर इस मिट्टी को उपलब्ध कराया जाता है।
यह भी पढ़ें: इस देश की पीएम ने बर्थडे पार्टी कर तोड़ा कोरोना का नियम, अब भरना पड़ेगा जुर्माना
गौरतलब रहे कि राम मंदिर के लिए बुनियाद फाउंडेशन का कार्य पूरा होने के बाद खोदी गई मिट्टी को उसी स्थान पर पटाई के कार्य में लाया जाएगा। इसलिए इस मिट्टी की मात्रा सीमित है। एक बार पटाई हो गई तो यह मिट्टी किसी श्रद्धालु को नहीं मिल सकेगी। ऐसे में यह मिट्टी को उन्हीं श्रद्धालु (Devotees) को दी जा रही है जो इसके लिए विशेष इच्छा जताते हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय व्यवस्थापक (Ram Mandir Trust office Administrator) प्रकाश गुप्ता कहते हैं कि राम जन्म भूमि का गर्भ गृह ऐसा स्थान है जहां पर बहुत लोगों ने बलिदान दिया है। काफी संघर्ष के बाद आज यह दिन देखने को मिल रहा है। गर्भ गृह की मिट्टी से लोगों का प्रेम स्वाभाविक है।