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In Depth: गर्भवती महिला की मौत के बाद रोक दिया अंतिम संस्कार, लाश को पेड़ से बांधा
कोविड-19 (Covid-19) के इस दौर में एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है। एक गर्भवती महिला (Pregnant woman) की मौत के बाद गांववालों ने उसका अंतिम संस्कार (Funeral) नहीं होने दिया। मृतक महिला नौ माह की गर्भवती थी, गांववालों का कहना था कि उसके पेट में बच्चा है, इसलिए अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता। उन्हें लगता था ऐसे करने से गांव के लिए बुरा होगा, इस अंधविश्वास (Blind Faith) के चलते वह मृतक महिला के शव को जंगल में ले जाकर एक पेड़ से बांध आए। घटना आंध्र प्रदेश (Andra Pradesh) के कुरनौल नाम स्थान की है।
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बी नागिरेड्डीपल्ले गांव की रहने वाली धर्मेंद्र नामक व्यक्ति से 20 वर्षीय लावण्या की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी। नौ महीने की गर्भवती लावण्या को प्रसव पीड़ा के चलते शुक्रवार को शिरवेल्ली गांव से सरकारी अस्पताल (Government hospital) लाया गया। कहा जा रहा है कि वहां पर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण लावण्या की डिलीवरी होने से पहले ही मौत हो गई। परिजन महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए बी नागिरेड्डीपल्ले (B Nagireddipalle) लेकर आए और अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। इसी दौरान गांव के कुछ लोग वहां पहुंचे और पेट में बच्चा होने के कारण अंतिम संस्कार (Funeral) करने पर मना करने लगे। लाचार परिजन गांववालों के विरोध के बीच आधी रात को गर्भवती महिला के शव को एक जंगल में ले गए व वहां एक पेड़ से महिला के शव को रस्सी से बांध दिया। इसी दौरान गांव के कुछ प्रबुद्व लोगों ने इसकी सूचना पुलिस (Police) को दे दी। पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।