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ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर 28 फीसदी जीएसटी, जानकारों ने कहा-तबाही लाएगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री (Online Gamin Industry) पर 20 फीसदी जीएसटी (28% GST) लगाकर क्या अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है? गेमिंग इंडस्ट्री का यही मानना है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने जिस कर संकलन की उम्मीद से इंडस्ट्री पर इतना भारी-भरकम टैक्स लगाया है, उतना पैसा आएगा नहीं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान यह होगा कि इंडस्ट्री खत्म हो जाएगी और खेलने वाले फर्जी गेमिंग प्लैटफॉर्म की तरफ रुख करेंगे, जिससे ऑनलाइन फ्रॉड होने का खतरा और बढ़ जाएगा।
भारतपे के सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर ने नाराजगी जाहिर की और ट्वीट कर लिखा की, “RIP- भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री के लिए। अगर सरकार सोच रही है कि लोग 72 रुपये पॉट एंट्री (28 फीसदी ग्रॉस जीएसटी) पर खेलने के लिए 100 रुपये लगाएंगे और अगर 54 रुपये जीतते हैं तो (प्लेटफॉर्म फीस के बाद) तो इसके बाद उन्हें 30 फीसदी टीडीएस भी अदा करना होगा ये कहां की समझदारी है। इसके लिए उन्हें पहले मानसून में अपने लिविंग रूम में फ्री स्विमिंग पूल मिलेगा- तो ऐसा नहीं होने जा रहा है।”
RIP – Real money gaming industry in India. If the govt is thinking people will put in ₹100 to play on ₹72 pot entry (28% Gross GST); and if they win ₹54 (after platform fees)- they will pay 30% TDS on that – for which they will get free swimming pool in their living room come…
— Ashneer Grover (@Ashneer_Grover) July 11, 2023
गेमिंग इंडस्ट्री की हत्या
उन्होंने लिखा कि “फैंटेसी गेमिंग इंडस्ट्री का हिस्सा बनना मजेदार था, जिसकी अब हत्या हो चुकी है। भारत 10 बिलियन डॉलर की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री हो सकती थी, जिसे इस मानसून सत्र में पानी में बहा दिया गया। अब समय आ गया है कि स्टार्टअप्स फाउंडर को राजनीति में प्रवेश करना चाहिए और अपना प्रतिनिधित्व करना चाहिए, वर्ना ये उद्योग के बाद उद्योग तक जारी रहेगा।”
महंगा होगा गेम खेलना
सरकार ने 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की इंडस्ट्री को बड़ा झटका दे दिया है। इसके बाद ऑनलाइन गेम्स में पार्टिसिपेट करना काफी महंगा हो जाएगा। यहां तक कि कुछ कंपनियों का सर्वाइव करना तक मुश्किल हो सकता है। भारत में स्पोर्ट्स प्लेयर्स और फॉर्मर प्लेयर्स द्वारा अक्सर गेमिंग ऐप्स का सपोर्ट किया जाता है, जहां क्रिकेट एक राष्ट्रीय जुनून है, लेकिन संभावित लत और वित्तीय नुकसान को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इंटनेशनल इंवेस्टर्स भी इस इंडस्ट्रीज की ओर काफी आकर्षित हुए हैं, टाइगर ग्लोबल ने भारतीय गेमिंग स्टार्टअप ड्रीम11 का सपोर्ट किया है, जो भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का प्रमुख स्पांसर है। जीएसटी काउंसिल की अध्यक्ष और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स लगाने का फैसला काफी चर्चा के बाद लिया गया है।
बढ़ जाएंगी टिकटों की कीमतें
उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि अब उन्हें टैक्स को कंज्यूमर की ओर पास करना होगा और टिकटों की कीमतें बढ़ाना होगा। गेमिंग ऐप इंडियाप्लेज के चीफ ऑपरेशनल ऑफिसर आदित्य शाह ने कहा कि 28 फीसदी टैक्स के एग्जीक्यूशन से गेमिंग इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां आएंगी। इस हाई टैक्स का बोझ कंपनियों के कैश फ्लो को प्रभावित करेगा। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि यह फैसला असंवैधानिक और तर्कहीन है। एआईजीएफ के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि यह फैसला पूरी गेमिंग इंडस्ट्री को खत्म कर देगा और लाखों लोगों की नौकरी चली जाएगी।
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