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नई दिल्ली। गैंगस्टर रवि पुजारी (Ravi Pujari) को अफ्रीकी देश सेनेगल (Senegal) से पकड़कर भारत लाने वाले एडीजीपी अमर कुमार पांडे ने कहा है कि पुजारी को पकड़ना भूत का पीछा करने जैसा था। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास उसकी आखिरी तस्वीर 1994 की थी।’ बतौर एडीजीपी, कॉल ट्रैक करने पर उसकी निश्चित लोकेशन का पता चला और अंदाज़ा लगाया गया कि वह अफ्रीका में है। वहीं कर्नाटक पुलिस ने बताया है कि गैंगस्टर रवि पुजारी को जब सेनेगल में गिरफ्तार (Arrested) किया गया तब वह एक स्थानीय दुकान में अपने बाल रंगवा रहा था।
पुलिस ने आगे बताया कि भारत और सेनेगल के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है लेकिन द्विपक्षीय बातचीत के ज़रिए रवि पुजारी को वापस लाने में मदद मिली। वहीं सूत्रों के अनुसार पश्चिम अफ्रीका के बुर्कीना फासो में भारतीयों के लिए हुए एक क्रिकेट टूर्नामेंट में उसकी मौजूदगी की एक तस्वीर ने यह बड़ी सफलता दिलायी। उसका उडुपी जिले के तटीय शहर माल्पे के एक छोटे से गांव में उसका जन्म हुआ था, मगर पुजारी मुंबई में पला-बढ़ा। 1990 के दशक की शुरूआत में अंधेरी के एक बिल्डर की हत्या के साथ उसने मुंबई अंडरवर्ल्ड में प्रवेश किया। वर्षों तक वह छोटा राजन का विश्वस्त सिपहसालार बना रहा, जो बाद में दाऊद इब्राहिम गैंग से जुड़ गया। वहीं जब 1993 में मुंबई ब्लास्ट के बाद जब दाऊद और छोटा राजन अलग हो गए, तो वह छोटा राजन के साथ हो गया। बहरहाल आगे चलकर राजन के साथ ही उसका पतन हुआ। राजन के लोगों पर हमले करने के आरोप उस पर लगे और जवाब में वह भी निशाने पर आ गया।
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