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धर्मशाला। जियो टैगिंग में प्रथम रहे जिला कांगड़ा के अन्य विभाग भी जियो टैगिंग से जुड़ेंगे। जियो टैगिंग से जहां निर्माण कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं इससे जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। इस बात की जानकारी डीसी कांगड़ा सीपी वर्मा ने प्रेस से मिलिए कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में दी। उनके मुताबिक अब जिला प्रशासन जियो टैगिंग को अन्य विभागों में भी शुरू करने की तैयारी में जुट गया है। जिला प्रशासन के प्रयास रंग लाते हैं तो विभिन्न विभागों में निर्माण कार्यों में उठने वाले सवालों पर विराम लगेगा, वहीं निर्माण कार्यों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित हो पाएगी।
जियो टैगिंग एक प्रभावी फीचर है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि कहां और किस तरह का कार्य हुआ है। ऐसे में अगर इसे अन्य विभागों में भी लागू किया जाता है तो निश्चित रूप से विभिन्न विकास कार्यों में यह बहुत प्रभावी साबित होगी। समय-समय पर विभिन्न विभागों में होने वाले निर्माण कार्यों में कभी गुणवत्ता तो कभी समय से पहले निर्माण कार्यों में कमियां नजर आने की शिकायतें सामने आती रही हैं। ऐसे में मनरेगा की तर्ज पर यदि जिला प्रशासन जियो टैगिंग को अन्य विभागों में भी शुरू करता है तो इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे। यहीं नहीं जियो टैगिंग से गूगल पर जाकर कहीं भी बैठकर किसी भी क्षेत्र के निर्माण स्थल व निर्माण कार्य की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सकता है। इससे जहां प्रशासन को आसानी होगी, वहीं निर्माण करने वाले ठेकेदार भी गुणवत्ता को नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे। डीसी ने राजस्व विभाग से सम्बन्धित जानकारी देते हुए बताया कि राजस्व विभाग के अधिकारियों को निशानदेही, इन्तकाल जैसे राजस्व मामले घर-द्वार पर अविलम्ब निपटारे के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जिला में निशानदेही के मामलों के निपटारे के लिये विशेष अभियान के तहत 2030 से अधिक मामले निपटाए जा चुके हैं तथा शेष मामलों को भी शीघ्र ही निपटा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिला के शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रमाण पत्र जारी करने के लिए विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं। सीपी वर्मा ने बताया कि एशियाई विकास बैंक (एडीबी) में माध्यम से जिला में पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन अधोसरंचना और विभिन्न मंदिरों के उन्नयन पर 100 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भागसू सांस्कृतिक केन्द्र, भागसू मन्दिर परिसर, अघंजर महादेव मन्दिर परिसर, उपायुक्त कार्यालय के समीप वाहन पार्किंग एवं शॉपिंग कम्पलेक्स, टयूलिप गार्डन, एमसी पार्क, धौलाधार सम्मेलन केन्द्र इत्यादि के विकास पर 42 करोड़ 61 लाख रुपये व्यय किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त चामुण्ड़ा, ज्वालाजी और बज्रेश्वरी माता मन्दिरों के ढांचागत उन्नयन और नगरोटा बगवां के आर्ट व क्राफ्ट केन्द्र पर 53.16 करोड़ की लागत से योजना कार्यन्वित की जा रही है। उन्होंने बताया कि धर्मशाला से मैक्लोडगंज और चामुंडा से हिमानी चामुंडा रोप-वे के कार्यों की प्रक्रिया चल रही है।
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