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मंडी। वर्ष 2015 से देव समाज के लिए बनाए जा रहे संस्कृति सदन को पूरी तरह से बनने में तो अभी कम से कम दो वर्षों का समय लगेगा लेकिन इस बार के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव (International Shivratri Festival) में यहां देवी-देवताओं और उनके साथ आए देवलुओं के ठहरने की अस्थाई व्यवस्था कर दी जाएगी। लोक निर्माण विभाग ने अस्थाई व्यवस्था करने की हामी जिला प्रशासन के पास भर दी है। बता दें कि मंडी शहर के कांगनीधार में 17 करोड़ 65 लाख की लागत से संस्कृति सदन (Sanskriti sadan) का निर्माण करवाया जा रहा है। यह सदन कुल्लू में बने देव सदन की तर्ज पर बनाया जा रहा है। लेकिन इसमें ऑडिटोरियम और अन्य प्रकार की सुविधाएं भी शामिल की गई हैं ताकि इसका वर्ष भर इस्तेमाल किया जा सके।
फरवरी 2015 में तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) ने इसकी आधारशिला रखी थी, लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका है। लोक निर्माण विभाग मंडी डिविजन नंबर 2 के अधिशाषी अभियंता केके शर्मा के अनुसार संस्कृति सदन का निर्माण काफी अधिक है और इसे पूरी तरह से बनाने में अभी समय लगने वाला है। उन्होंने बताया कि इस बार के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव से पहले यहां बन रहे ऑडिटोरियम के ऊपर छत डालकर देवी-देवताओं के ठहरने की अस्थाई व्यवस्था कर दी जाएगी। अभी यहां 25 से 30 देवी-देवता और उनके साथ आए देवलुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी।
बता दें कि इस बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव 22 से 28 फरवरी तक मनाया जाएगा। पिछले साल ही इस महोत्सव को अधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा प्राप्त हुआ है। इस महोत्सव में 215 पंजीकृत देवी-देवता और उनके हजारों देवलु शिरकत करने यहां आते हैं। लेकिन इस बार सुकेत रियासत के देवी-देवताओं को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इस कारण इस बार महोत्सव में देवी-देवताओं और देवलुओं की संख्या में भारी ईजाफा होने वाला है। ऐसे में इन सभी के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था प्रशासन को ही करनी होगी। इसलिए प्रशासन ने निर्माणाधीन संस्कृति सदन में 25 से 30 देवी-देवताओं और उनके सैकड़ों देवलुओं के ठहरने की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।
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